मौजूदा समय में जो वायु प्रदूषण है वह आतिशबाजी से हुआ, धान की मात्र 33 प्रतिशत कटाई हुई

Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़। पंजाब में इन दिनों वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। सूबे के कई बड़े शहरों में एक्यूआई 300 तक पहुंच चुका है। इनमें से मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआई सबसे अधिक 293, लुधियाना का 278, जालंधर का 268, पटियाला का 262, अमृतसर का 238 और खन्ना का 239 दर्ज किया गया। जबकि बठिंडा का एक्यूआई 167 दर्ज किया गया, जो येलो जोन में रहा। डाक्टरों के मुताबिक खराब श्रेणी के एक्यूआई में ज्यादा देर तक बाहर रहने पर किसी भी व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ की समस्या हो सकती है।

आने वाले कुछ दिनों में बढ़ेगी प्रदूषण की समस्या

आने वाले दिनों में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है। क्योंकि अभी धान की काफी फसल कटनी बाकी है।ऐसे में पराली जलाने की घटनाओं के होने की संभावनाएं जताइ्र जा रही है। वहीं पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार की भी पूरी तैयारी है। इसके लिए टीमें बनाई गई है जोकि अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी करेगी।

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जारी रिपोर्ट के अनुसार अभी फिलहाल सिर्फ 33 प्रतिशत एरिया में धान की फसल कटाई हुई इसलिए फसल के 67 प्रतिशत प्रमुख एरिया की कटाई बाकी है। फसल में नमी की समस्या भी अब पहले से कम हो गई है जिस कारण अगले दो सप्ताह के दौरान किसानों कटाई पर जोर रहेगा। बाढ़ व बारिश के कारण पहले ही धान की कटाई में देरी हुई है।

अभी तक 583 मामले आए सामने

इसका असर पराली जलाने के मामलों पर भी देखने को मिलेगा। पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) चंडीगढ़ की संयुक्त टीम की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में दिवाली से पहले 17 अक्तूबर को पराली जलाने के 37 मामले सामने आए थे। अगर कुल मामलों की बात की जाए तो 1 सितंबर से लेकर 21 अक्तूबर तक पंजाब में पराली के 583, हरियाणा में 301 और पंजाब पाकिस्तान में 3935 केस अब तक रिपोर्ट किए गए हैं।

ये भी पढ़ें : Punjab Crime News : ज्वेलर से फिरौती मांगने के आरोप में पिता-पुत्र गिरफ्तार