कहा, तीन दिन से धार्मिक समागमों में शामिल होना मेरे लिए एक यादगार और अनूठा अनुभव
Punjab News Update (आज समाज), श्री आनंदपुर साहिब : आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले तीन दिनों से वे अपनी पत्नी के साथ इस पवित्र धरती को नमन करने यहां मौजूद हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे खुद को बहुत सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं कि उन्हें गुरुद्वारा श्री केसगढ़ साहिब, गुरुद्वारा सीस गंज साहिब और गुरुद्वारा भोरा साहिब में नतमस्तक होने का सौभाग्य मिला।
उन्होंने कहा कि इस पवित्र दिवस के अवसर पर और श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस की याद में आयोजित समागमों की लड़ी में शामिल होना उनके लिए एक अनूठा अनुभव था। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इस पवित्र नगरी में नतमस्तक होने आने वाली संगत की सुविधा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
सेवा में कमी पर पंजाब सरकार और आप क्षमा की याचक
आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि यदि इस सेवा में कोई कमी रह गई हो तो पंजाब सरकार प्रदेश के लोगों और महान गुरु साहिब से क्षमा की याचक है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यदि श्री गुरु तेग बहादुर जी के संदेश को लोग अपने जीवन में अपनाएं तो दुनिया में किसी भी तरह के सांप्रदायिक तनाव के लिए कोई जगह नहीं बचेगी। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब का प्रेम, दया और मानवता का संदेश विश्व शांति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
महान गुरुओं के दिखाए मार्ग पर चल रही पंजाब सरकार
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन समागमों के लिए सारे प्रबंध इसलिए संभव हो सके क्योंकि प्रदेश सरकार महान गुरुओं द्वारा दिखाए मार्ग पर चल रही है। उन्होंने कहा कि ईमानदारी के रास्ते पर चलते हुए प्रदेश सरकार द्वारा लोगों की भलाई के लिए एक-एक पैसा पूरी सूझबूझ और सजगता के साथ खर्च किया गया है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
आज प्रदेश के किसानों को मिल रहा नहरी पानी
केजरीवाल ने कहा कि प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में भी किसानों को नहरी पानी मिल रहा है और साथ ही प्रदेश के 90 प्रतिशत घरों को मुफ्त बिजली मिल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सौभाग्यशाली है कि उन्हें प्रदेश के लोगों की सेवा करने और गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित समागम करवाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि समूचा सिख इतिहास चढ़दी कला का प्रतीक है जो लोगों को मेहनत करने, परमात्मा का नाम जपने, दूसरों के साथ बांटकर खाने और कमजोर व दबे-कुचले लोगों की रक्षा के लिए प्रेरित करता है।