NIA Lucknow, (आज समाज), रोहतक : कमल कॉलोनी में NIA लखनऊ की एक पांच सदस्यीय टीम मंगलवार सुबह करीब छह बजे दस्तक दी। बता दें कि छह माह से NIA माओवादी गतिविधियों को लेकर जिले में जांच पड़ताल कर रही है।सूत्रों के मुताबिक NIA की चार सदस्यीय टीम एक सप्ताह से रोहतक में ठहरी है। बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी को रोहतक में माओवादी और नक्सली फंडिंग के तार जुड़े होने के कुछ सुराग मिले हैं। वर्ष 2022 में NIA को नक्सली फंडिंग के मामले में कुछ जानकारी मिली थी।
अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई
उक्त मामले में लाखनमाजरा के मकान मालिक के अलावा MDU के एक छात्र नेता को भी जांच में शामिल किया जा चुका है। हालांकि फिजियोथेरेपिस्ट के मकान में यह जांच माओवादी दृष्टिकोण से की गई है या अन्य कोई और कारण है, इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि टीम जिस मकान में जांच के लिए पहुंची है यह मकान आर्मी के एक कैप्टन का बताया जा रहा है, जो ड्यूटी के चलते बाहर हैं। फ़िलहाल यह मकान सोनीपत के एक व्यक्ति ने किराए पर लिया हुआ है, जो फिजियोथेरेपी का काम करता है, जहाँ ज्यादातर खिलाड़ियों की थेरेपी की जाती है।
एक सप्ताह पहले फिर से लखनऊ की NIA की टीम लाखनमाजरा पहुंची थी
बता दें कि NIA लखनऊ की टीम ने हिसार पुलिस की मदद से छह महीने पहले लाखनमाजरा में दबिश देकर छतीसगढ़ के गांव मांझीगुड़ा निवासी प्रियांशु कश्यप को हिरासत में लिया था। प्रियांशु लाखनमाजरा में किराये पर मकान लेकर रहता था। उसके बाद अभी एक सप्ताह पहले फिर से लखनऊ की NIA की टीम लाखनमाजरा पहुंची और मकान मालिक से पूछताछ की थी। बताया जा रहा है कि एमडीयू का एक छात्र नेता भी जांच में शामिल है।
NIA ने शुरुआती तौर पर कुछ तथ्य जुटाए
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के जनपदों में नक्सल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कुछ संदिग्ध लोग युवाओं को भड़का रहे हैं। ऐसे में NIA ने शुरुआती तौर पर कुछ तथ्य जुटाए और इसी के आधार पर जनवरी 2023 में लखनऊ जोन में एक FIR दर्ज की। NIA प्रतिबंधित संगठन सीपीआइ (माओवादी) के लिए यूपी और अन्य राज्यों में नेटवर्क बनाकर फंडिंग के साथ ही युवाओं का ग्रुप तैयार करने वालों की तहकीकात भी कर रहा है। माना जा रहा है कि इसी सिलसिले में NIA टीम संदिग्ध स्थानों पर दस्तक दे रही है।