भारतीय तैराकी फेडरेशन ने हिंद महासागर में आयोजित कराई थी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता
Mahendragarh News (आज समाज) महेंद्रगढ़: भारतीय तैराकी फेडरेशन की ओर से हिंद महासागर में आयोजित कराई गई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हरियाणा के महेंद्रगढ़ के दिव्यांग युवक ने 30 किमी का रामसेतु साढ़े 8 घंटे में पार कर कीर्तिमान स्थापित किया। तैराकी फेडरेशन की ओर से इस रामसेतु को पार करने के लिए 11 घंटे का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन अपने जुनून और लगन की बदौलत राजवीर ने नया इतिहास रच दिया। राजवीर की इस उपलब्धि पर पूरे गांव में खुशी का माहौल है।

राजवीर बचपन से ही एक पैर से लगभग 70 प्रतिशत दिव्यांग है। अब 5 जून को राजवीर को लंदन जाना है, जहां पर उसे इंग्लिश चैनल मैं तैराकी करनी है, ये चैनल अटलांटिक महासागर में है। इसके लिए राजवीर लगातार अभ्यास कर रहा है, चूंकी वहां पर तापमान 12 से 14 डिग्री के बीच होता है ऐसे में राजवीर के लिए ये प्रतियोगिता आसान नहीं होगी।

मास्टर की सलाह पर कुश्ती छोड़ तराकी को अपनाया

राजवीर बचपन से ही दिव्यांग है। वह 5 भाई बहनों में सबसे छोटा है और अविवाहित है। गांव में कुश्ती का काफी के्रज था, इसलिए राजवीर को कुश्ती में काफी दिलचस्पी थी। कई बार वह गांव में आयोजित होने वाली कुश्ती के मुकाबलों में भी हिस्सा लेता था। 2008 में राजवीर चरखी दादरी के एक गांव में कुश्ती के मुकाबले में शामिल हुआ था, इस मैच को देखने के लिए वहां पर मास्टर सुखबीर सिंह भी मौजूद थे, राजवीर की फुर्ती देख मास्टर काफी प्रभावित हुए और उन्होंने सुखबीर को कुश्ती की जगर तैराकी में किस्मत आजमाने की सलाह दी

गांव के जोहड़ से शुरू किया अभ्यास

राजवीरने गांव के जोहड़ में ही स्विमिंग शुरू की। तैराकी में थोड़ा अभ्यास हुआ तो इस खेल में खुद को और बेहतर करने के लिए उसने मास्टर सुखबीर सिंह के ही सहयोग से भिवानी के स्विमिंग पूल में अभ्यास शुरू किया। राजवीर अपनी कड़ी मेहनत के बदौलत कुछ महीनों बाद हुई राष्ट्रीय स्तर की तैराकी प्रतियोगिता में चौथे स्थान पर रहा था।

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