तकिया लगाकर सोना सही है या सेहत के लिए खतरा? जानिए वो परेशानियां जो तकिया दे सकता है।
गर्दन में अकड़न: बहुत ऊंचा या सख्त तकिया गर्दन की पोजीशन बिगाड़ देता है।
रीढ़ की हड्डी पर असर: गलत तकिया रीढ़ को सपोर्ट नहीं करता। बैक और शोल्डर पेन की वजह बन सकता है।
खर्राटे और सांस की दिक्कत: ऊंचा तकिया गले की वायुनली को ब्लॉक करता है। जिससे आती है सांस लेने में दिक्कत और खर्राटे।
एलर्जी का खतरा: तकिए में जमा धूल और बैक्टीरिया से एलर्जी, छींकें, जलन हो सकती है। खासकर अस्थमा या सेंसिटिव स्किन वालों के लिए
चेहरे पर पिंपल्स: गंदा तकिया स्किन पर पिंपल्स, रैशेज और ब्रेकआउट ला सकता है। तकिए का कवर हर हफ्ते बदलें।
बालों का झड़ना और डैंड्रफ: स्कैल्प पर गंदगी जमने से बाल झड़ सकते हैं। साफ-सुथरा तकिया बालों की हेल्थ के लिए जरूरी है।
क्या करें? सही तकिया कैसे चुनें? सॉफ्ट और मेडियम हाइट वाला तकिया चुनें। हाइपोएलर्जेनिक तकिया यूज़ करें। हर 12-18 महीने में तकिया बदलें।