39th Anniversary Of Operation Bluestar: जानिए क्या है आपरेशन ब्लू स्टार, क्यों किया गया और कितने लोगों को गंवानी पड़ी थी जान

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39th Anniversary Of Operation Bluestar
गोल्डन टेंपल के आसपास कड़ी सुरक्षा।

Aaj Samaj (आज समाज), 39th Anniversary Of Operation Bluestar, चंडीगढ़: आपरेशन ब्लू स्टार की आज 39वीं बरसी है। पंजाब के अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल यानी श्री हरिमंदिर साहिब परिसर को खालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले व उनके समर्थकों से मुक्त करवाने के मकसद से 1984 में तीन जून पंजाब में आपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था और यह छह जून तक चला था। तीन जून को भारतीय सेना स्वर्ण मंदिर के अंदर प्रवेश कर गई थी और इसे चहुंओर से घेर लिया गया था।

  • जरनैल सिंह भिंडरावाले की मौत के साथ आपरेशन सफल रहा
  • देश ने पीएम इंदिरा गांधी की शहादत के रूप में कीमत चुकाई

गोल्डन टेंपल में करवाया गया अखंड पाठ, कई श्रद्धालु पहुंचे

छह जून को आज अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में अखंड पाठ का आयोजन किया गया, जिसमें भारी तादाद में श्रद्धालु पहुंचे। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस अवसर पर कौम के नाम संदेश दिया। दूसरी ओर खालिस्तानी समर्थकों ने भिंडरावाले के पोस्टरों नारेबाजी की। सुरक्षा के मद्देनजर स्वर्ण मंदिर के बाहर पुलिस, कमांडो और अर्ध सैनिक बलों की टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा स्वर्ण मंदिर के पास पुलिस सादे कपड़ों में भी तैनात है। कुल मिलकार पंजाब के हर जिले में अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है।

घावों को कभी भुलाया नहीं जा सकता : ज्ञानी हरप्रीत सिंह

ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने आज अपने संदेश में कहा कि सरकार द्वारा जो घाव दिए गए हैं, उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता, ये घाव बहुत गहरे और कभी न भरने वाले हैं। सरकारों से कोई अपेक्षा रखना ठीक नहीं है। हमारे इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें गुरुओं ने कहा है कि शासन करना मूर्खता है, उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारी शक्ति कम है, हमारी शक्ति बिखरी हुई है, आज हमें सभी मतभेद भुलाकर इकट्ठा होने की जरूरत है।

मारे गए थे 492 लोग, मृतकों के परिवार किए जाएंगे सम्मानित

आपरेशन ब्लू स्टार के दौरान फायरिंग व अन्य घटनाओं कुल 492 लोगों की जान चली गई थी। आज भी कई यादें ताजा हो जाती हैं। बता दें कि भिंडरावाले के नेतृत्व में पंजाब में अलगाववादी ताकतें सशक्त हो रही थीं और इन्हें पाकिस्तान से समर्थन मिल रहा था। इसी के खात्मे के लिए आपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि 1984 का नरसंहार हमें और मजबूत करता है। यह जितना ज्यादा याद करवाया जाएगा, हम उतने ही मजबूत होंगे। उन्होंने कहा, आॅपरेशन ब्लू स्टार में मारे गए सिखों के परिवारों को सम्मानित किया जाएगा।

सैन्य अधिकारियों सहित 83 जवान भी शहीद हुए थे

आॅपरेशन ब्लू स्टार में सेना चार अफसरों समेत 83 जवान भी शहीद हुए थे। एतिहासक रूप से जरनैल सिंह भिंडरावाले की मौत के साथ आपरेशन ब्लू स्टार सफल रहा था लेकिन उसकी बड़ी कीमत देश को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की शहादत के रूप में चुकानी पड़ी थी।स दिन को कभी भी भूला नहीं जा सकता।

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