सभी नक्सली हिंसा का मार्ग छोड़कर समाज की मुख्यधारा में हुए शामिल
Chhattisgarh Breaking News (आज समाज), दंतेवाड़ा : केंद्र व प्रदेश सरकार की कोशिशें लगातार रंग ला रही हैं। यही कारण है कि देश के नक्सल प्रभावित राज्यों में हालात तेजी से बदल रहे हैं। छत्तीसगढ़ भी एक ऐसा ही राज्य है जो पिछले कई दशक से नक्सलवाद से प्रभावित व पीड़ित रहा है। लेकिन पिछले कुछ समय से ये नक्सली हिंसा का मार्ग छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं।
यदि सरकारी आंकड़ों की बात करें तो भारत सरकार और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर, पिछले 20 महीनों में दंतेवाड़ा जिला में 165 ईनामी नक्सली सहित कुल 508 से अधिक नक्सलियों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा को अपनाया है।
मिनपा जैसी घटना में शामिल थे नक्सली
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में 37 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। मिनपा जैसी घटना में शामिल नक्सली ने अपने 36 साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया है। इस समर्पण के साथ ही एक और टीम बिखरती हुई नजर आ रही है, इन सभी नक्सलियों के ऊपर 65 लाख का इनाम घोषित था। दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि पूना मारगेम जिसका अर्थ पुनर्वास से पुनर्जीवन पहल पर भरोसा जताते हुए नक्सली हिंसा का मार्ग छोड़कर शांति और प्रगति के मार्ग को अपना रहे हैं और समाज की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं। समर्पण करने वाले नक्सलियों में कुछ वर्ष पहले मिनपा में पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर 26 जवानों के बलिदान होने और 20 जवानों को घायल कर हथियार एवं एम्युनिशन लूटने की घटना में शामिल माओवादी ने भी सरेंडर किया है।
नक्सलवाल पर ये बोले थे गृह मंत्री
देश की सुरक्षा हमारे लिए सबसे अहम है। यह सुरक्षा बाहरी हमलावरों से हो या फिर आंतरिक असमाजिक तत्वों से हमारा लक्ष्य दोनों को मुंह तोड़ जवाब देना है। यह कहना है देश के गृह मंत्री का जो रायुपर में आंतकिर सुरक्षा से जुड़े वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन दिवस के अवसर पर बोल रहे थे। इस दौरान शाह ने कहा कि हम जहां सीमा पार जाकर देश के दुश्मनों का मिटा रहे हैं वहीं देश के अंदर मौजूद उन तत्वों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है जो देश की एकता और अखंडता के लिए हानिकारक हैं।
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