मस्जिदों, किराएदारों और खाद-बीज विके्रताओं की भी जांच की जा रही
फरीदाबाद में करीब एक हजार मस्जिदें
Delhi Blast Update, (आज समाज), नई दिल्ली/फरीदाबाद: दिल्ली में लाल किले के सामने बम ब्लास्ट के तार फरीदाबाद और नंूह से जोड़ने के बाद सुरक्षा एजेंसियां यहा पर डेरा डाले हुए है। शनिवार को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें धोखाधड़ी-जालसाजी की धाराएं हैं। ये एफआईआर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) द्वारा की गई कार्रवाई के बाद दर्ज की गईं।

पहली एफआईआर धारा 12 के उल्लंघन के लिए दर्ज की गई है, जबकि दूसरी एफआईआर यूनिवर्सिटी द्वारा कथित तौर पर झूठे मान्यता दावों से संबंधित है। इसके अलावा दिल्ली क्राइम ब्रांच की एक टीम शनिवार को ओखला स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कार्यालय पहुंची। यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर कुछ दस्तावेज मांगे हैं।

डॉ. उमर, डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन के संपर्क में आए लोग रडार पर

वहीं फरीदाबाद और नूंह में फैला आतंक का नेटवर्क तोड़ने के लिए एनआईए समेत अन्य जांच एजेंसियां और क्राइम ब्रांच की टीमें लगातार मस्जिद, किराएदारों के कमरे, खाद-बीज की दुकानें, कारों की बिक्री करने वाले डीलर, गेस्ट हाउस, धर्मशालाओं की चेकिंग कर रही है। फरीदाबाद के धौज गांव स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े और डॉ. उमर, डॉ. मुजम्मिल, डॉ. शाहीन के संपर्क में आए लोग रडार पर हैं।

मस्जिदों में नमाज अदा कराने वाले इमामों और बच्चों का खंगाला जा रहा रिकॉर्ड

फरीदाबाद पुलिस की सभी क्राइम ब्रांच और स्थानीय थानों की पुलिस अपने-अपने इलाकों में पिछले 4 दिन से सर्च आपरेशन चला रही है। इस आॅपरेशन में अभी तक 140 मस्जिद-मदरसों को चेक किया गया है। मस्जिदों में नमाज अदा कराने वाले इमाम का रिकार्ड चेक किया जा रहा है। साथ ही जिन बच्चों को मदरसे में तालीम दी जा रही है, वो बच्चे कहां के रहने वाले हैं और कब से मस्जिद में आ रहे, इसको लेकर पूरी जानकारी नोट की जा रही है। फरीदाबाद में छोटी-बड़ी करीब एक हजार मस्जिदें हैं।

500 से ज्यादा कश्मीरी किरायेदारों की जांच की जा चुकी

पुलिस ने अभी तक 500 से ज्यादा कश्मीरी किरायेदारों के पुलिस वेरिफिकेशन कागजात चेक किए है। इसके अलावा 1700 ऐसे किराएदार हैं, जो दूसरे राज्यों से आकर यहां पर बसे हुए हैं।

नूंह व सोहना से पूछताछ के लिए कुछ खाद-बीज विक्रेता लिए हिरासत में

बम विस्फोटक बनाने में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था। इसी को लेकर पुलिस ने फरीदाबाद और नूंह के 70 से ज्यादा खाद-बीज भंडार दुकानों की चेकिंग की है। इनमें दुकानों का लाइसेंस चेक किया गया है। किस दुकान पर कितने मात्रा में सामग्री मौजूद है, इसकी जानकारी नोट की गई है। फरीदाबाद में 300 से अधिक खाद-बीज की दुकानें है। नूंह व सोहना से कुछ खाद-बीच विक्रेता पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए। डॉ. मुजम्मिल ने नूंह के जिस विक्रेता से अमोनियम नाइट्रेट खरीदा था, उसके पास लाइसेंस भी नहीं है।

100 गाड़ी डीलरों का रिकार्ड जांचा जा चुका

पुलिस ने शहर के 200 से ज्यादा होटल, गेस्ट हाउस, पीजी, धर्मशालाओं को चेक किया है। फरीदाबाद में 2000 के करीब होटल, पीजी, गेस्ट हाउस, और धर्मशालाएं हैं। दिल्ली बम ब्लास्ट में जिस गाड़ी में ब्लास्ट किया गया वो फरीदाबाद के एक डीलर से खरीदी गई थी। जिसके बाद पुलिस ने अभी तक 100 गाड़ी डीलरों का रिकार्ड चेक किया है।

डॉ. उमर नबी ने नूंह में एटीएम से निकलवाएं थे पैसे

दिल्ली में विस्फोटक के साथ खुद को उड़ाने वाला फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी का असिस्टेंट प्रोफेसर उमर नबी का नूंह में एटीएम के बाहर का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। दिल्ली में ब्लास्ट (10 नवंबर) से करीब 18 घंटे पहले नूंह में उमर ्रआई 20 कार लेकर एटीएम में कैश निकालने के लिए पहुंचा था। एटीएम में उसे कैश नहीं मिला।

इसके बाद एटीएम में मौजूद गार्ड को पैसे का लालच देकर अपने साथ शहर के दूसरे एटीएम में ले गया और कैश निकलवाया। इसके करीब 20 मिनट बाद कार लेकर उमर दोबारा उसी एटीएम के बाहर पहुंचा और गार्ड को छोड़कर चला गया।

ब्लास्ट में 13 लोगों की गई जान

करीब 10 मिनट बाद उमर की कार दिल्ली-मुंबई वडोदरा एक्सप्रेसवे पर दिखी। यहां टोल प्लाजा पर लगे कैमरों में वह दिल्ली की तरफ जाता दिखा। इसी दिन शाम 6.52 बजे दिल्ली में लाल किले के पास ्रआई -20 कार में ब्लास्ट हो गया, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई।

डॉ. मुजम्मिल द्वारा अल-फलाह यूनिवर्सिटी से 700 मीटर दूरी पर बनाई जा रही थी ग्राउंड इमारत

दिल्ली ब्लास्ट केस में गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल शकील फरीदाबाद में अल-फलाह यूनिवर्सिटी से 700 मीटर दूरी पर ही आतंक की नर्सरी तैयार कर रहा था। यहां करीब 200 वर्गगज में एक अंडर ग्राउंड इमारत बनाई जा रही थी, जहां 15-20 बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी जा रही थी। जिस प्लॉट में यह निर्माण हुआ, उसकी पावर आॅफ अटॉर्नी यूनिवर्सिटी की मस्जिद के इमाम मोहम्मद इश्तियाक के नाम है।

निमार्णाधीन इमारत भी जांच एजेंसियों की रडार पर

इस कथित रूप से तैयार हो रहे मदरसे में चेहरा तो मोहम्मद इश्तियाक को बनाया गया था, लेकिन फंडिंग डॉ. मुजम्मिल ही कर रहा था। यहां पानी की व्यवस्था के लिए बोरवेल लगवाने को डॉ. मुजम्मिल ने इमाम को आॅनलाइन 35 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे। अब ये निमार्णाधीन इमारत भी जांच एजेंसियों की रडार पर है। जम्मू एवं कश्मीर पुलिस की टीम ने डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार करने के बाद उसके बैंक खातों की गहन जांच शुरू की।