कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी डेंजर लेवल से 0.45 मीटर नीचे बह रही
Haryana Flood Situation, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा में बारिश के कारण उफान पर आए नदी नाले अब शांत होने लगे है, लेकिन नदी-नालों ने पिछले कई दिन जमकर उत्पात मचाया। किसानों की फसलें खराब हो चुकी है। कई गांवों में जलभराव की समस्या पैदा हो गई। बात अगर कुरुक्षेत्र की करें तो यहां पर मारकंडा नदी के ओवरफ्लो होने के चलते करीब 100 गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके है।
प्रशासन यहां पर मोर्चा संभाले हुए हैं और राहत व बचाव कार्यों में लगा हुआ है। राहत की बात यह है कि अब मारकंडा नदी का वाटर लेवल लगातार कम हो रहा है। हिसार जिले में लगातार आठ दिन से हो रही भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं।
खेतों से लेकर रिहायशी इलाकों तक पानी भर गया है। करीब 200 से ज्यादा गांवों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं, वहीं 20 गांवों की आबादी में भी पानी घुस गया है। इस बीच जिले के 71 ऐसे स्कूल हैं जिन्हें प्रशासन ने बंद रखने का आदेश दिया है। वहीं सिरसा में घग्घर नदी लगातार तबाही मचा रही है।
हालात ऐसे हो गए हैं कि जब कहीं से घग्घर का तटबंध कमजोर होने लगता है, तो वहां कटाव शुरू हो रहा है। ऐसे में तटबंध को बांधने में दिक्कत हो रही है। तीन दिन से हर गांव में लगातार ऐसे ही हालत हैं। इससे आसपास के कई गांवों को खतरा बढ़ गया है।
मारकंडा नदी में बह रहा साढ़े 14 हजार क्यूसेक पानी
कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में मारकंडा नदी का जलस्तर 24 घंटे में साढ़े 4 हजार क्यूसेक से ज्यादा कम हो चुका है। गेज रीडर रविंद्र कुमार के मुताबिक, कल रविवार रात को मारकंडा में 17 हजार 677 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया था। रात साढ़े 7 बजे तक मारकंडा खतरे के निशान (256 मीटर) से 0.35 मीटर नीचे बह रही थी।
अब सुबह साढ़े 6 बजे मारकंडा में 14 हजार 7 क्यूसेक पानी रिकॉर्ड किया गया, जबकि नदी डेंजर लेवल से 0.45 मीटर नीचे चल रही है। वहीं इस्माइलाबाद के नैसी गांव में मारकंडा का वाटर लेवल कम होने से टूटे तटबंध को बांधने का काम जारी है।
कुरुक्षेत्र में साढ़े 23 हजार से ज्यादा फसल प्रभावित
प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला कुरुक्षेत्र के 100 गांव बाढ़ से प्रभावित है। इसमें शाहाबाद के 63 गांव, लाडवा के 7 और पिहोवा 30 गांव शामिल हैं। थानेसर का कोई गांव बाढ़ की चपेट में नहीं है। जिले में 23 हजार 574 एकड़ फसल प्रभावित हुई हैं। ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर किसान खराब फसल का ब्योरा दर्ज करवा रहे हैं।
3,060 गांवों में बाढ़-बारिश से हुआ जलभराव
हरियाणा में इस बार यमुना, मारकंडा, घग्गर व टांगरी के अलावा कई बरसाती नदियां व ड्रेन आफत लेकर आई। प्रदेश के करीब 3,060 गांवों में बाढ़-बारिश से जलभराव हुआ। ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर ही 1.84 लाख किसानों ने करीब 11 लाख एकड़ फसलों में नुकसान बता मुआवजा मांगा है।
हिसार में 1 लाख 45 हजार एकड़ फसल खराब
हिसार में 307 में से 276 गांवों में फसलें ज्यादा खराब हुई हैं। आदमपुर तहसील के 30, बालसमंद के 19, बरवाला के 28, बांस के 19, हांसी के 43, हिसार के 87, खेड़ी जालब के 17, नारनौंद के 18 और उकलाना तहसील के 15 गांव शामिल हैं। किसानों ने 1 लाख 45 हजार एकड़ क्षेत्र का खराबा दर्ज कर दिया है।
कुरुक्षेत्र में तीन जगह से टूटा मारकंडा नदी का तटबंध
कुरुक्षेत्र में मारकंडा, सरस्वती, राक्षी और घग्गर नदियां हैं। इनमें मारकंडा डेंजर लेवल 256 मीटर से ऊपर बही। नैसी गांव में मारकंडा नदी का तटबंध 2 दिन में तीन जगह से टूटा। मारकंडा ने शाहाबाद, झांसा और इस्माइलाबाद में तबाही मचाई। घग्गर नदी उफान पर रही। इससे पिहोवा के पंजाब बॉर्डर से सटे गांवों के खेतों में पानी पहुंच गया। लाडवा में राक्षी नदी का तटबंध 3 सितंबर को 2 जगह से टूटा।
अंबाला में भी बिगड़े हालात
अंबाला में टांगरी, मारकंडा, बेगना, रूण, घग्गर, ओमला, अमरी समेत कई छोटी नदियां भी हैं। इस बार सभी में उफान आया। टांगरी नदी की वजह से 10 दिन में दो बार 12 से 15 कॉलोनियों के लोगों को पलायन करना पड़ा।
पहली बार टांगरी में 42 हजार क्यूसेक तक पानी दर्ज हुआ जबकि डेंजर लेवल 15 हजार का है। शाहपुर में टांगरी का बांध टूटा। कई साल बाद टांगरी का पानी ओवरफ्लो होकर नेशनल हाईवे-344 तक पहुंचा।
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