Pakistan court sentenced three Jamaat-ul-Ahrarists to death and imprisonment for 300 years: जमात-उल-अहरार के तीन आांकवादियों को पाकिस्तान की अदालत ने सुनाई मौत और 300 साल कैद की सजा

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक अदालत ने बुधवार को प्रतिबंधित जमात-उल-अहरार के तीन आतंकवादियों को मौत की सजा और 300 साल कैद की सजा सुनाई। ये आतंकी 2014 में वाघा सीमा पर उस बम हमले में दोषी पाए गए जिसमें 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वाघा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लाहौर का एक गांव है और अटारी भारत-पाक सीमा पर भारत के पंजाब में स्थित है। लाहौर में आतंकवाद निरोधक अदालत ने बुधवार को वाघा सीमा बम हमला मामले में फैसले की घोषणा करते हुए तीन संदिग्धों हसीबुल्लाह, सईद जान घना और हुसैनुल्लाह को पांच मामलों में मौत की सजा सुनाई। साथ ही उन्हें 300 वर्ष कैद की सजा भी सुनाई गई। इसके अलावा उनमें से हरेक पर 10 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुमार्ना भी लगाया गया है। अदालत ने तीन अन्य संदिग्धों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। पांच साल तक चले इस मुकदमे में अभियोजन पक्ष के विरुद्ध 100 से ज्यादा लोगों ने गवाही दी।

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