Women officers will get full rights in army, Supreme Court verdict will be given permanent commission for women excluding Kumbat areas: सेना में मिलेगा महिलआ अधिकारियों को पूरा हक, सुप्रीम कोर्ट का फैसला महिलाओं के लिए कंबैट इलाकों को छोड़कर मिलेगा स्थाई कमीशन

0
201

नई दिल्ली। लंबे समय से महिलाएं सेना में अपनी जगह के लिए अपने अधिकारो के लिए लड़ रहीं थीं। आज सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लग गई। सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर मजबूत कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सेना में कंबैट इलाकों को छोड़कर सभी इलाकों में महिलाओं को स्थाई कमान देने के लिए बाध्य है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने मार्च 2010 में सेना को अपनी सभी महिला अफसरों को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिया था। जिसके खिलाफ केंद्र सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। केंद्र का कहना था कि भारतीय सेना में यूनिट पूरी तरह पुरुषों की है और पुरुष सैनिक महिला अधिकारियों को स्वीकार नहीं कर पाएंगे। आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए केंद्र को अपनी मानसिकता में बदलाव की भी नसीहत दे डाली। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में शारीरिक सीमाओं और सामाजिक चलन की बात कही और महिलओं को कमीशन नहीं देने की बात कही। न्यायालय ने कहा कि यह परेशान करने वाला है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है महिला सेना अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए 2019 की केंद्र सरकार की नीति का निर्णय सभी महिला अधिकारियों पर लागू होगा। यह इसे चुनने वाली किसी भी महिला अधिकारी के लिए लागू होगा और 14 साल की सेवा या उससे ज्यादा समय तक सेवा देने वाली सभी महिलाओं के लिए होगा और सैनिकों के पास शारीरिक क्षमता होनी चाहिए। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि स्थायी कमीशन सेना में सभी महिला अधिकारियों को सेवा में लागू करेगा, चाहे उनकी सेवा को कितने वर्षों हो गए हो। जस्टिस चंद्रचूड़़ ने कहा कि हम इस याचिका को खारिज करते हैं और 3 माह में अदालत के इस फैसले का अनुपालन होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सेना में महिला अधिकारियों को कमान पोस्ट देने पर पूरी तरह रोक अतार्किक और समानता के अधिकार के खिलाफ है। सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाए क्योंकि सशस्त्र बलों में लिंग आधारित भेदभाव खत्म करने के लिए सरकार की ओर से मानसिकता में बदलाव जरूरी है।

SHARE