Sonia Gandhi’s meeting with Congress-ruled CMs through video conferencing: वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कांग्रेस शासित प्रदेशों के सीएम के साथ सोनिया गांधी की बैठक, उठाया सरकार से सवाल-17 मई के क्या और कैसी होगी आपकी रणनीति?

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नई दिल्ली। एक ओर जहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कोरोना संकट के इस दौर मेंदेश के आर्थिक हालातों को लेकर विशेषज्ञों से लगातार बातचीत कर रहे हैं। उनसे सलाह ले रहे हैं जबकि दूसरी ओर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कांग्रेस शासित प्रदेशों की बैठक ली। उन्होंने बैठक में कोरोना संकट के मद्देनजर प्लानिंग और पैकेज समेत कई मुद्दों पर केंद्र की सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने इसी के साथ मोदी सरकार से सवाल भी किया कि 17 मई को तीसरे चरण के लॉकडाउन की समाप्ति के बाद क्या रणनीति है? कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों की इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, अशोक गललोत समेत कई नेता मौजूद थे। बैठक में पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुदुचेरी के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से राहत पैकेज की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। उन्होंने इसमें सवाल किया कि यह तय करने का सरकार का मापदंड क्या है कि लॉकडाउन कितने लंबे समय तक जारी रहेगा, 17 मई के बाद क्या? 17 मई के बाद कैसे होगा? भारत सरकार यह तय करने के लिए कौन सा मापदंड अपना रही है कि लॉकडाउन कितना लंबा चलेगा।’ इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘जैसा कि सोनिया जी ने कहा है कि हमें यह जानने की जरूरत है कि लॉकडाउन-3 के बाद क्या होगा?’ किसानों को लेकर सोनिया गांधी ने कहा, ‘हम अपने किसानों खासकर पंजाब और हरियाणा के किसानों का धन्यवाद करते हैं कि जिन्होंने तमाम दिक्कतों के बावजूद गेंहू की शानदार उपज पैदा करते हुए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है।’ रणदीप सुरजेवाला के अनुसार बैठक मेंपंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि दिल्ली में बैठे लोग जमीनी हकीकत जाने बिना कोविड-19 का जोन तय कर रहे हैं, यह चिंता की बात है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘जब तक व्यापक प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिया जाता तब तक राज्य और देश कैसे चलेगा? हमें 10 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आर्थिक संकट से जूझ रहे राज्यों को तत्काल सहायता की जरूरत है।

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