Politics continues on workers’ rail fares, rar in Delhi and Bihar government: मजदूरों के रेल किराये पर राजनीति जारी, दिल्ली और बिहार सरकार में रार

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण देश में लॉकडाउन कुछ छूट के साथ जारी है। लेकिन इस बीच श्रमिकों के अपने गृहराज्य की ओर पलायन जारी रखा है। प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। प्रवासी श्रमिकों के मामले में बिहार की नीतिश सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार आमने-सामने आ गई हैं। बिहार के प्रवासी मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से उनके घर पहुंचाने और उनके रेल टिकट के पैसे को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री ने दावा किया कि श्रमिकों का किराया दिल्ली सरकार देगी तो तरुंत ही बिहार सरकार में मंत्री संजय कुमार झा नेइसका खंडन किया। संजय झा ने आरोप लगाया है कि श्रमिकों के ट्रेन किराया को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री झूठ बोल रहे हैं, क्योकि दिल्ली सरकार ने बिहार सरकार से किराया रिइम्बर्स कराने की मांंग के लिए एक पत्र लिखा है। गौरतलब है कि दिल्ली से 1200 प्रवासी श्रमिकों को लेकर ट्रेन शुक्रवार को बिहार के मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुई। इसके बाद केजरीवाल सरकार में मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट किया कि श्रमिकों को लेकर दिल्ली से मुजफ्फरपुर बिहार के लिए रवाना हुई ट्रेन में सवार सभी 1200 लोगों का किराया अरविंद केजरीवाल सरकार देगी। बिहार सरकार में मंत्री संजय कुमार ने गोपाल राय के ट्वीट का स्क्रीनशॉट लेकर ट्वीट किया, ‘ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही साफ कर चुके हैं कि हम श्रमिकों को भाड़े की रकम के अलावा 500 रुपए अतिरिक्त भी देंगे, तो दिनदहाड़े दिल्ली सरकार के मंत्री झूठ क्यों बोल रहे हैं? यह तो नीतिगत बात है, लेकिन आप कोविड-19 के समय भी इतनी ओछी राजनीति करें, शोभा नहीं देता।’ उन्होंने लिखा- अरविंद केजरीवाल जी, झूठ के साथ समस्या यही है कि आप भूल जाते हैं कि कब क्या बोल चुके हैं? अब देखिए न, आपके मंत्री गोपाल राय ट्विटर पर सफेद झूठ बोल रहे हैं कि दिल्ली से मुजफ्फरपुर आने वाली ट्रेन का किराया आपकी सरकार देगी, फिर चिट्ठी भेजकर हमसे पैसे भी मांगते हैं।’

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