नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय कर्नाटक के दौरे पर हैं। आज उन्होंने भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 107वें सत्र का उद्घाटन बेंगलुरू में किया। यहां उन्होंने भारतीय साइंस कांग्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय वैज्ञानिक दुनिया भर में परचम लहरा रहे हैं। जब हमने साल 2020 विज्ञान और तकनीक के सहारे आशावान और साकारात्मकता के शुरूआत की, तो हमने अपने सपनों को साकार करने की दिशा में एक अन्य कदम बढ़ा दिया है। “मुझे इस बात की खुशी है कि इस दशक और नए साल के मेरे शुरूआती कार्यक्रमों में से एक ये विज्ञान, तकनीक और अन्वेषण पर आधारित है। “नवाचार, पेटेंट, निर्माण और सफलता ऐसे चार कदम हैं जो देश को तेज विकास की दिशा में ले जाएंगे। भारत की विकास गाथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सफलता पर निर्भर करती है। भारत में विज्ञान, तकनीक और नवोन्मेष के परिदृश्य में बदलाव की जरूरत है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं इसलिए भी खुश हूं क्योंकि इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है और यह 52वें पायदान पर आया है। साथ ही पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ है। वह अपनी सोच का विस्तार करें उन्हें सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि आपकी क्षमता विस्तृत है, आप कई चीजें कर सकते हैं, अपनी सोच का विस्तर कर सकते हैं, अपने प्रदर्शन के मापदंड को बदल सकते हैं….पंख फैलाकर उड़ान भर सकते हैं, मौके हैं, मैं आपके साथ हूं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह देश के वैज्ञानिकों और नवोन्मेषकों के साथ है । उन्होंने कहा, ” आप सभी इस बात से परिचित हैं कि आकाश और समुद्र के साथ ही साइबर क्षेत्र और अंतरिक्ष भी दुनिया के सामरिक समीकरणों को परिभाषित करेंगे। इसी के साथ बुद्धिमान मशीनें भी आने वाले दिनों में रक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभायेंगी। ऐसे में भारत पीछे नहीं रह सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए दुनिया के वैज्ञानिकों को प्रयोगशालाओं में सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प खोजना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि खेती के विकास के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा के उत्पादन पर बल देने की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि पिछली बार जब मैं बेंगलूरू आया था, तो राष्ट्र की निगाहें चंद्रयान 2 पर टिकी थीं। उस समय, जिस तरह से हमारे राष्ट्र ने विज्ञान, हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम और हमारे वैज्ञानिकों की ताकत के लिए हौसला बढ़ाया वह हमेशा मेरी स्मृति का हिस्सा रहेगा।
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