Nirbhaya gang rape case: convict Pawan was not a minor at the time of incident, Supreme Court dismisses petition: निर्भया गैंगरेप केस: दोषी पवन घटना के समय नहीं था नाबालिग, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

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 नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। चारों मुजरिमों में से एक पवन कुमार गुप्ता ने फांसी की सजा से बचने के लिए खुद को वारदात के समय नाबालिग बताया था। उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि वह निर्भया गैंगरेप के समय नाबालिग था। यह दावा सोमवार को अस्वीकार कर दिया कि 2012 में अपराध के वक्त वह नाबालिग था। उसके साथ नाबालिग अपराधी की तरह व्यवहार नहीं किया गया। हालांकि न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भान और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया और दिल्ली हाईकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा। पवन ने उसके नाबालिग होने का दावा ठुकराने के उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को चारों दोषियों-विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार सिंह और पवन की मौत की सजा पर एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी देना का नया डेथ वारंट जारी किया है।

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