Delhi Violence Case – A befitting reply from the Ministry of Home Affairs to the American organization, not to make irresponsible comments in such a sensitive time: दिल्ली हिंसा मामला- अमेरिकी संस्था को गृहमंत्रालय की ओर से करारा जवाब, इतने संवेदनशील वक्त में गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियां न की जाएं।

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नई दिल्ली। अमेरिकी संस्था यूएससीआईआरएफ द्वारा दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि कानून प्रवर्तक एजेंसियां हिंसा रोकने, सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कार्यरत हैं। पीएम मोदी की ओर से भी सार्वजनिक तौर पर शांति और भाईचारा स्थापित करने की अपील की। मंत्रालय की ओर से अनुरोध किया गया कि इतने संवेदनशील वक्त में गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियां न की जाएं। मंत्रालय ने कहा कि हमने दिल्ली में हिंसा की हालिया घटनाओं पर संयुक्त राज्य आयोग द्वारा, मीडिया के वर्गों द्वारा कुछ व्यक्तियों पर की गई टिप्पणियों को देखा है। ये तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक हैं, और इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के उद्देश्य के रूप में दिखाई पड़ रहा है। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता मामलों संबंधी अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने दिल्ली में हुई हिंसा पर चिंता जाहिर की थी और कहा कि भारत सरकार से अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने को कहा था। जिसके बाद गृहमंत्रालय की ओर से टिप्पणी की गई थी। यूएससीआईआरएफ के अध्यक्ष टोनी पर्किंस ने बुधवार को बयान दिया कि ‘हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह भीड़ हिंसा का शिकार बने मुसलमानों और अन्य समूहों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कारगर प्रयास करे। बता दें कि नयी दिल्ली में सीएए के खिलाफ हिंसा में कम से कम 32 लोग मारे गए हैं और 200 से अधिक लोग घायल हैं। पर्किंस ने कहा, ” दिल्ली में जारी हिंसा और मुसलमानों, उनके घरों एवं दुकानों और उनके धार्मिक स्थलों पर कथित हमलों के मामले व्यथित करने वाले हैं। अपने नागरिकों की रक्षा करना किसी भी जिम्मेदार सरकार के सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्यों में से एक है, भले ही वे (नागरिक) किसी भी धर्म के हों। यूएससीआईआरएफ आयुक्त अरुणिमा भार्गव ने भी कहा था कि दिल्ली में ”नृशंस एवं अनियंत्रित हिंसा के खिलाफ सरकार को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।

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