The condition of the buildings of Baal Bhavan of Haryana is in disarray: हरियाणा के बाल भवनों की इमारतों की हालत खस्ताहाल

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चंडीगढ़। हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद बाल भवनों में रहे बच्चों की भलाई के लिए बेहतरीन काम करने के दावे करती है तो वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग जिलों में स्थित बाल भवनों की इमारतों की हालत खस्ता है। कहीं भवनों की चारदीवारी नहीं है तो कहीं पर रेनोवेशन होनी है।
कई की हालत तो बेहद ही खराब है, लेकिन बावजूद इसके स्थिति में कोई सुधार नहीं है। विभाग के ही डाटा के अनुसार कम से कम 8-10 जिलों को बाल भवनों और मिनी बाल भवनों में करोड़ों रुपए की लागत से रिपेयर होनी है, जिसकी तुरंत प्रभाव से जरूरत है। रेनोवेशन नहीं होने के चलते वहां रह रहे बच्चों को असुविधा से दो-चार होना पड़ता है। इसको लेकर कुछ दिन पहले विभाग ने भी माना था कि परिषद की इमारतों में कई जगह काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। साथ में यह भी सामने आया है कि कई जगह बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाओं की भी कमी है। हालांकि विभागीय अधिकारी जल्द ही चीजें ठीक होने की कह रहे हैं।
कम से कम 2 से 3 करोड़ लगेंगे
जानकारी के अनुसार कम से कम 2 से 3 करोड़ इनकी रेनोवेशन पर लगेंगे। इनमें मिनी भवनों और बाल भवन दोनों ही शामिल हैं। रेनोवेशन पर लगने वाली अनुमानित राशि अलग-अलग इमारत पर 2 लाख से लेकर 30 लाख तक है।
दीवारों में दरार, टूटे फर्श व चारदीवारी न होना आम: विभाग के कर्मचारियों के अनुसार बाल भवन की इमारतों में कई तरह की समस्याएं हैं। कई जगह इमारतों पुरानी हो चुकी हैं। कहीं पर भवनों में दरार आई हुई है। इसके अलावा कई जगह पर चारदीवारी भी नहीं की हुई।
इसके अलावा फर्श टूटे हुए हैं। इन सबके चलते वहां रह रहे बच्चों और स्टाफ को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
कभी भी हो सकता है हादसा : यमुनानगर के छछरौली में बाल भवन की इमारत इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी हादसा हो सकता है। बाल भवन में 100 से भी ज्यादा बच्चे रह रहे हैं और एक तरह से यह हादसे को सीधा निमंत्रण है। ऐसी लापरवाही बड़े हादसे का सबब बन सकती है। सिरसा व रोहतक में हालत जुदा नहीं हैं। यह भी सामने आया है कि बाल भवन की इमारत पर कैथल के चीका में पुलिस विभाग की सीआईए विंग ने कब्जा किया हुआ है और अपने लिए विभाग इसका इस्तेमाल कर रहा है।

कोर्ट
चीका में बाल भवन की इमारत पर सीआईए ने कब्जा कर रखा है और इसको मैंने अधिकारियों के संज्ञान में डाला है।
राजेंद्र बहल, अधिकारी, डिस्ट्रिट चाइल्ड वेलफेयर, कैथल।

कोट
इमारतों को रेनोवेशन की जरूरत है और इसके हम लगातार कोशिश कर रहे हैं। इस बारे में संभावित बजट के लिए सरकार को लिखा गया है और उम्मीद है कि जल्द ही इनको ठीक करवाया जाएगा।
कृष्ण ढुल, चेयरमैन, हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद।

-डॉ. रविंद्र मलिक

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