November issue of Government magazine dedicated to Guru Nanak Sahib by Punjab government: 550वां प्रकाश पर्व-पंजाब सरकार ने गुरु नानक साहिब को समर्पित किया सरकारी मैगजीन का नवंबर अंक

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लुधियाना/सुल्तानपुर लोधी, 9 नवंबर: जगत गुरु श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर पंजाब सरकार की ओर से सरकारी मैगजीन का नवंबर का अंक गुरु साहिब को समर्पित किया गया है, जिसमें पहली पातशाही के 500वें प्रकाश पर्व के मौके पर तत्कालिन राष्ट्रपति डा. जाकिर हुसैन की ओर से दिया गया भाषण भी शामिल किया गया है। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति डा. राधा कृष्णन व अन्य विद्वानों की ओर से गुरु नानक देव जी के बारे में समय-समय पर लिखे विचारों का अनुवाद कर प्रकाशित किया गया है।
गुरु नानक देव जी के बारे में प्रकाशित विशेष अंक में सिख इतिहास में राग आधारित गुरुबाणी गायन के आधार पर रबाब के बारे में प्रसिद्ध लेखन रवि पंधेर की ओर से लिखा गया खोज भरपूर लेख भी शामिल किया गया हैै। इसमें रबाब की एतिहासिक महत्ता व उदासियों की अलग-अलग श्रेणियों कश्मीरी व हिंदुस्तानी रबाब के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके अलावा तामिलनाडू के पूर्व राज्यपाल डा. उज्जल सिंह व प्रसिद्ध लेखक डा. महीप सिंह सहित अलग-अलग यूनिवर्सिटियों व खोज संस्थाओं के इतिहासकारों की ओर से भी लेख लिखे गए हैं।
पंजाब सरकार की ओर से एक और बड़ा प्रयास करते हुए पंजाबी, हिंदी व अंग्रेजी भाषाओं में प्रकाशित किए गए इन मैगजीनों को पवित्र नगरी सुल्तानपुर लोधी में संगत में नि:शुल्क बांटा जा रहा है। इसमें 60 हजार विकास जागृति मैगजीन (पंजाबी), 15 हजार विकास जागृति मैगजीन (हिंदी) व 25 हजार एडवांस मैगजीन (अंग्रेजी), 40 हजार ब्रोशर (पंजाबी), 35 हजार ब्रोशर (अंग्रेजी), पंजाबी व अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित 5-5 हजार फ्लेयर व 15 हजार वैलकम कैलेंडर शामिल हैैं। प्रकाशनों को नि:शुल्क बांटने का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को गुरु नानक देव जी के फलसफे, जीवन, उदासियों व उनसे जुड़े अन्य पक्षों से परिचित करवाना है।
नि:शुल्क बांटे जा रहे साहित्य को लेकर संगतों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है व श्रद्धालु पूरे सम्मान सहित इन मैगजीनों को स्वीकार कर रहे हैं। इस अवसर पर वाटांवाली कलां के पैरिस (फ्रांस) रहने वाले सुखदेव सिंह व उनकी पत्नी जो कि विशेष तौर पर गुरुपर्व के मौके पर सुल्तानपुर लोधी में दर्शन करने आए थे, भी पंजाब सरकार के इस प्रयास से इतने प्रभावित हुए कि वे अपने साथ विदेश ले जाकर संगत में बांटने के लिए 100 से अधिक मैगजीन लेकर गए।

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