Lawyers reach supreme for FIR on policemen involved in dharna: धरने में शामिल पुलिसवालों पर प्राथमिकी के लिए सुप्रीम पहुंचे वकील

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नई दिल्ली। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट परिसर में 2 नवंबर को दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर बृहस्पतिवार को भी गतिरोध बरकार है। लगातार चैथे दिन भी दिल्ली की सभी 6 जिला अदालतों में कामकाज ठप है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के वकील जीएस मणि समेत कुछ अन्य वकीलों ने बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। एक याचिका दायर कर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि 5 नवंबर को प्रदर्शन में शामिल पुलिस कर्मियों और अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए जाएं। इसके साथ यह भी मांग की गई है कि ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए, जो पुलिस मुख्यालय पर धरने में शामिल थे।

उधर, दिल्ली के वकीलों में शुमार पवन कुमार पटनायक और प्रकाश शर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट में बृहस्पतिवार को ही एक याचिका दायर कर 2 नवंबर को दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच संघर्ष को लेकर निष्पक्ष रिपोर्टिंग की मांग की है। इससे पहले कुछ वकीलों ने सुप्रीमो कोर्ट में याचिका दायर कर मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन की मांग की, लेकिन कोर्ट उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की अपील की थी। इस बीच दिल्ली के एक वकील विनोद यादव ने गृहमंत्रालय, दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पास सूचना के अधिकार के तहत याचिका डालकर पूछा है कि क्या पांच नवंबर को दिल्ली पुलिस कर्मियों और अफसरों का प्रदर्शन कानून सम्मत था या नहीं? और ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? वहीं, मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार शाम को जिला अदालतों की कॉर्डिनेशन कमेटी ने बैठक की थी, जिसमें सभी बार एसोसिएशनों के अध्यक्षों ने सभी निचली अदालतों में हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में सभी जिला अदालतों में बृहस्पतिवार को कामकाज ठप है।

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