Peaceful prayers in the valley, people celebrating Bakrid: घाटी में शांतिपूर्ण अता की गई नमाज, लोग मना रहे बकरीद

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नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटा दिया गया। जम्मू-कश्मीर को अब दो हिस्सों में बांटा गया है। लद्दाख अब जम्मू-कश्मीर का हिस्सा नहीं है। इन दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा हटा देने के बाद वहां के लोगों की यह पहली बकरीद है। अब तक कश्मीर के किसी भी हिस्से से हिंसा की कोई भी खबर अब तक नहीं आई। एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि घाटी में हालांकि लोगों के बड़ी संख्या में एक स्थान पर एकत्रित होने पर रोक है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ट्वीट किया, घाटी के अनेक हिस्सों में ईद की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से अदा की गई। अभी तक किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है। वहीं गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि ईद की नमाज अनंतनाग, बारामुला, बडगाम, बांदीपोरा की सभी स्थानीय मस्जिदों में बिना किसी अप्रिय घटना के शांतिपूर्वक अदा की गई।

बारामुला पुराने शहर की जामिया मस्जिद में लगभग 10,000 लोगों ने नमाज अदा की। श्रीनगर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी के मुताबिक, हालात शांतिपूर्ण हैं। लोगों की आवाजाही और यातायात में ढील दी गई है। हर संवेदनशील इलाके में आम लोगों की सहूलियत के लिए मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। श्रीनगर में छह मंडियां और बाजार बनाए गए हैं, जहां कुबार्नी के लिए 2.5 लाख भेड़ें लाई गई हैं। श्रीनगर में आम लोगों को बकरीद का त्योहार मनाने में कोई तकलीफ न हो इसका केंद्र सरकार की ओर से खास इंतजाम किया गया है। आम नागरिकों के लिए रसोई गैस सिलिंडर, मुर्गियां, अंडे और सब्जियों की आपूर्ति के लिए घर-घर मोबाइल वैन भेजी गई है। चूंकि घाटी में संचार सेवा और इंटरनेट इहतियात के तौर बंद रखा गया है। लेकिन इसके स्थान पर लोगों के लिए 300 विशेष टेलीफोन बूथ बनाए गए हैं, ताकि लोग रिश्तेदारों और परिजनों से बातचीत कर सकें। हर जिले में राशन घाट बनाए गए हैं। कश्मीर संभाग में 3,697 राशन घाटों में से 3,557 राशन घाटों पर लोगों की रोजमर्रा
की जरूरतें पूरी की जा रही हैं। बिजली-पानी की आपूर्ति बहाली के लिए भी इंतजाम किए गए हैं। घाटी में अस्पताल व दवा की दुकानें खुलीं रहीं। डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ मौजूद रहे। इनके पहचान पत्र को मूवमेंट पास के रूप में मान्य किया गया है। श्रीनगर के लिए विमान सेवा भी सुचारु हो गई है। सभी फ्लाइट अपने निर्धारित समय पर पहुंचीं। यात्रियों के टिकट को मूवमेंट पास के रूप में मान्य किया गया है। यहां जिला प्रशान की ओर से मस्जिदों में नमाज के लिए भी पुख्ता इंतजामात किए गए हैं। यह भी कहा गया है कि शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अफवाहों से बचने के लिए भी फौरन कदम उठाने के लिए तैयार रहें। अधिकारियों के मुताबिक, हमें बीते तीन दिनों में 4600 फोन कॉल आए। इनमें से 150 घरों में जाकर हमने परिजनों की मदद की। बकरीद के मद्देनजर कर्मचारियों को वेतन और मजदूरों की दिहाड़ी पहले ही दी जा चुकी है। इस मौके पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बकरीद की मुबारकबाद दी। और कहा कि उम्मीद है कि यह त्योहार सांप्रदायिक सौहार्द, भाईचारे और मेलजोल को और अधिक मजबूत करेगा। साथ ही जम्मू-कश्मीर के उस गौरवशाली बहुलवादी संस्कृति को पुनर्जीवित करेगा जिसके लिए वह सदियों से जाना जाता है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में शांति, प्रगति और समृद्धि की कामना की।

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