Pakistan cannot raise Kashmir issue in ICJ: पाकिस्तान नहीं उठा सकता आईसीजे में कश्मीर मुद्दा

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इस्लामाबाद। भारत ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटा दिया है जिसके बाद से पाकिस्तान हैरान परेशान है। पाक पीएम को समझ नहीं आ रहा क्योंकि लगभग हर अंतर राष्टÑीय मंच पर मुंह की खा चुका है। यहां तक कि कश्मीर मुद्दे को पाक पीएम इमरान खान अंतरराष्ट्रीय अदालत में भी उठाना चाहते थे लेकिन अब उनकी यह मंशा पूरी नहीं हो सकेगी। पाकिस्तान के कानून मंत्री ने प्रधानमंत्री इमरान खान को सलाह दी है कि वह कश्मीर मुद्दे को यहां न उठाएं। पाकिस्तान के कानून मंत्री बैरिस्टर फरोग नसीम ने इमरान खान से शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान सरकार कश्मीर मुद्दे को हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में नहीं उठा सकती। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, कानून मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि मामले को संयुक्त राष्ट्र आमसभा या सुरक्षा परिषद में उठाया जाना चाहिए, जिससे इसे निर्धारित तरीकों से आईसीजे में ले जाया जा सके। मंत्रालय ने कहा कि अभी भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को आईसीजे में ले जाने पर कोई करार नहीं है।

गौरतलब है कि किसी मामले के दोनों पक्ष अगर सहमत हों तो ही मामले को आईसीजे में उठाया जा सकता है। कश्मीर मामले में भारत और पाकिस्तान में ऐसी कोई सहमति नहीं है, इसलिए इसे आईसीजे में नहीं उठाया जा सकता। पाक की संघीय सरकार ने कानून मंत्रालय से पूछा था कि कश्मीर मसले को आईसीजे में ले जाने के मानदंड क्या हैं। इस पर मंत्रालय ने अपना जवाब दिया है। इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि सरकार ने कश्मीर मामले को आईसीजे में ले जाने का फैसला किया है। आश्चर्य की बात यह है कि उन्होंने तब यह दावा भी किया था कि सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद यह फैसला लिया गया है। पाकिस्तान के कानून मंत्री ने कहा कि कश्मीर मामले में पाकिस्तान का कानूनी पक्ष मजबूत है। नियमों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा या सुरक्षा परिषद मानवाधिकार उल्लंघन के मामले को आईसीजे में भेज सकती है। लेकिन, उन्होंने स्पष्ट किया कि नियमानुसार किसी देश की सरकार यो कोई एनजीओ या कोई अकेला व्यक्ति सीधे मामले को आईसीजे में नहीं उठा सकता।

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