Sunni Waqf Board will not file reconsideration petition in Ayodhya case: सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या मामले में नहीं दाखिल करेगा पुनर्विचार याचिका

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लखनऊ। दशकों से लटके अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। विवादित जमीन हिंदू पक्षकारों को मिली और मुस्लिम पक्षकारों को पांच एकड़ की जमीन और कहीं देने का निर्देश दिया। इसके बाद कई तरह की अफवाहें आर रहीं थीं। पहले कहा जा रहा था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड पुर्नविचार याचिका फैसले के खिलाफ दायर कर सकता है। लेकिन मंगलवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड ने बहुमत से फैसला किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा। अयोध्यमा मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को मानते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दोबारा फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका डालने से इनकार कर दिया है। बता दें कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ही बाबरी मस्जिद विवाद में प्रमुख पक्षकार था। वहीं अयोध्या में पांच एकड़ जमीन लेने पर बाद में फैसला होगा। बोर्ड हालांकि इसके लिए अंदरुनी तौर पर तैयार है लेकिन अंतिम फैसला करने से पहले वह केंद्र व प्रदेश सरकार के आफर का परीक्षण करेगा। इसके बाद अंतिम फैसला होगा। प्रेस कान्फ्रेंस में बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारुकी ने साफ कहा कि बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर है। मगर जमीन लिये जाने के बाबत सरकार का आफर आए तब उस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारुकी ने बैठक के बाद मीडिया से बात की। बता दें कि जुफर फारुकी ने बताया कि मंगलवार को लखनऊ के माल एवेन्यू स्थित बोर्ड कार्यालय में हुई बैठक में 8 में से 7 सदस्य शामिल हुए। सात सदस्यों में से छह ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या विवाद के बाबत दिये गये फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने की बात कही। हालांकि बोर्ड के एक सदस्य अब्दुल रज्जाक खान ने इस पर असहमति जताई थी।

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