Private data of common man will be secure, stealing or selling personal data will now be a crime: आम आदमी का निजी डेटा होगा सुरक्षित, निजी डेटा चुराना या बेचना अब होगा अपराध

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 नई दिल्ली। केन्द्र सरकार की ओर से आज आम आदमी की प्राइवेसी को लेकर महत्वपूर्ण फैसला किया गया। इस फैसले के तहत अब किसी का निजी डेटा चुराना अपराध होगा, ऐसा करने वाली कंपनी, एप या साइट को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। कैबिनेट की बैठक में गुरुवार को केन्द्र सरकार ने निजी डेटा संरक्षण विधेयक 2019 को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी। इस बिल में निजी डेटा के संचालन के संबंध में ढांचा तैयार करने की बात कही गई है जिसमें सार्वजनिक एवं निजी निकायों के आंकड़े भी शामिल हैं। इस प्रस्ताव को पीएम मोदी के नेतृत्व में बुधवार को संपन्न हुई केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को बताया कि यह विधेयक संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जायेगा। समझा जाता है कि विधेयक में निजी डेटा हासिल करने, भंडारण और एकत्र करने के बारे में व्यापक दिशानिर्देश होने के साथ ही व्यक्तियों की सहमति, दंड, मुआवजा, आचार संहिता और उसे लागू करने के मॉडल का भी उल्लेख होगा। पिछले सप्ताह सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार जल्द ही संसद में निजी डेटा के संरक्षण के बारे में एक संतुलित विधेयक पेश करेगी। बता दें कि हाल के दिनों में वाट्सएप डेटा में सेंध के बाद से सरकार इस संदर्भ में चौकन्ना हो गई है और इस मामले को गंभीरता से ले रही है। वाट्सएप मामले में रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि सरकार निजता को गंभीरता से लेती है और सूचना की गोपनीयता इसी का हिस्सा है। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले वर्ष विधेयक का मसौदा जारी किया था जिसका कई वैश्विक कंपनियों ने विरोध किया था।

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