Azam Khan became emotional while campaigning for his wife: पत्नी के लिए प्रचार करते हुए भावुक हुए आजम खान

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रामपुर। आजम खान के आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। अब तक वह अपनी रैलियों और जनसभाओं में तीन बार भावुक हो चुके हैं। इस समय आजम जमीन विवाद से लेकर बकरी चोरी जैसे लगभग 80 से ज्यादा मुकदमों में घिरे हुए हैं। अब सपा ने सांसद आजम खां की पत्नी को राज्यसभा सांसद डॉ. ताजीन फात्मा को विधानसभा उपचुनाव के लिए मैदान में उतारा है। तीन महीने से रामपुर से दूर रहने के बाद आजम आजकल पत्नी ताजीन फात्मा के लिए जोर-शोर से चुनाव प्रचार करते नजर आ रहे हैं। अब तक उन्होंने पत्नी के तीन जनसभाएं की हैं और तीनों जनसभाओं में उनकी नम आंखे देखने को मिलीं। मंगलवार को लगातार तीसरी जनसभा में भी आजम मंच पर रो पड़े। मंगलवार रात रामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने आंखों में आंसू भरकर अपने और परिवार के ऊपर दर्ज हुए मुकदमों व प्रशासन की कार्रवाइयों की लंबी दास्तां सुनाई।

आजम खां ने कहा कि मैं टूटा नहीं हूं। अगर मैं टूट गया होता तो यहां खड़ा नहीं होता। जिस दिन मैं टूट जाऊंगा या तुम मेरे टूटने का इंतेजाम कर दोगे उस दिन यहां लोग नजर नहीं आएंगे। यह सजावटें नहीं होंगी। उन्होंने शासन-प्रशासन की तरफ इशारा करते हुए लोगों से कहा कि आपकी आवाज आपके हलक से बाहर आने नहीं दी जाएगी और ऐसा सन्नाटा होगा जिसका तसव्वुर भी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर इल्जाम लगाने वालों मैं किसी की पौने चार बीघा जमीन क्या हड़पुंगा, मैंने सैकड़ों एकड़ जमीन में तुम्हारे बच्चों के लिए शिक्षण संस्थान बनवाया है। भावुक होकर आजम ने कहा कि हमारी मां पर मुकदमा कायम है, हमारी बड़ी बहन को घसीटते हुए थाने ले गए, मेरे बुजुर्ग भाई पर 307 का मुकदमा है। मैं और अब्दुल्ला इलाहाबाद में थे जब हमपर 307 का मुकदमा दर्ज किया गया। आजम यह बोलते हुए रो पड़े कि यह गैरत हमें लेकर डूब गई कि मरने के बाद हमपर मुर्गियां, बकरियां चोरी करने का भी इल्जाम रहेगा।

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