Meerabai Chanu improved her national record but missed the medal: मीराबाई चानू ने अपने राष्ट्रीय रिकार्ड में सुधार किया पर पदक से चूकीं

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पटाया (थाईलैंड)। पूर्व चैंपियन मीराबाई चानू ने अपने राष्ट्रीय रिकार्ड में सुधार किया लेकिन वह विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप में महिलाओं के 49 किग्रा में पदक जीतने में नाकाम रही और उन्हें चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा। पच्चीस वर्षीय मीराबाई ने तीनों वर्गों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उन्होंने स्नैच में 87 किग्रा, क्लीन एवं जर्क में 114 किग्रा और इस तरह से कुल 201 किग्रा भार उठाया।
मीराबाई का इससे पहले का राष्ट्रीय रिकार्ड 199 किग्रा (88 और 111 किग्रा) था जो उन्होंने अप्रैल में चीन में एशियाई चैंपियनशिप के दौरान बनाया था। चीन की जियांग हुइहुआ ने 212 किग्रा (94 और 118 किग्रा) भार उठाकर नया विश्व रिकार्ड बनाया और स्वर्ण पदक जीता। इससे पहले का रिकार्ड चीन की ही होउ झिहुइ (210 किग्रा) के नाम पर था। झिहुइ ने यहां 211 किग्रा के साथ रजत पदक जीता। उत्तर कोरिया की री सोंग गम ने 204 किग्रा भार उठाकर कांस्य पदक हासिल किया।
मीराबाई ने स्नैच में 87 किग्रा भार उठाने के बाद क्लीन एवं जर्क में 110 किग्रा से शुरुआत की और फिर 114 किग्रा भार उठाया। अपने तीसरे प्रयास में हालांकि वह 118 किग्रा भार नहीं उठा पाई, जिससे उन्हें नुकसान हुआ। अगर वह इसमें सफल रहतीं तो कांस्य पदक जीत सकती थीं। इससे वह क्लीन एवं जर्क में रजत पदक भी हासिल कर लेतीं।
विश्व चैंपियनशिप और महाद्वीपीय चैंपियनशिप में स्नैच, क्लीन एवं जर्क और कुल योग पर अलग अलग पदक दिए जाते हैं लेकिन ओलंपिक में केवल कुल योग पर ही पदक मिलता है। भारत की ही स्नेहा सोरेन 55 किग्रा में ग्रुप डी में दूसरे स्थान पर रही। इस 18 वर्षीय भारोत्तोलक ने 173 किग्रा (72 और 101 किग्रा) भार उठाया। ग्रुप ए की समाप्ति के बाद उनकी आखिरी पोजीशन तय होगी।

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