तनाव से दूर रहने के लिए दूसरों को भी रखें इससे दूर

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एक अध्ययन में सामने आया है कि वैज्ञानिकों ने पाया कि दूसरों की वजह से होने वाला तनाव मस्तिष्क में उसी तरह के बदलाव ला सकता है, जैसे बदलाव असल तनाव में होते हैं। यह अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों में एक भारतीय मूल का भी है। यह अध्ययन चूहों पर किया गया। अध्ययन में सामने आया कि चुहियों में मस्तिष्क पर तनाव के प्रभाव चूहों के उलट होते हैं।

कनाडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैल्गरी में कार्यरत जयदीप बैस ने कहा मस्तिष्क में बदलाव से जुड़े तनाव के कारण पीटीएसडी, चिंता विकार और अवसाद सहित कई मानसिक बीमारियां हो सकती हैं। बैंस ने कहा हालिया अध्ययन संकेत देते हैं कि तनाव और भाव संक्रामक हो सकते हैं। अध्ययन के परिणाम नेचर न्यूरोसाइंस पत्रिका में प्रकशित हुए हैं। अनुसंधानकार्तओं ने चूहों या चुहियों के जोड़ों पर तनाव के प्रभाव का अध्ययन किया।

उन्होंने प्रत्येक जोड़ी से एक एक चूहे को निकाला और साझीदार के पास उसे वापस छोड़ने से पहले उसे हल्का तनाव दिया। बाद में यह पाया गया कि तनाव से ग्रस्त चूहे के मस्तिष्क में जिस तरह के बदलाव आए ठीक उसी तरह के बदलाव उसके जोड़ीदार में भी आए, जबकि उसे कोई तनाव नहीं दिया गया था। इसका निष्कर्ष यह निकाला गया कि उसपर अपने जोड़ीदार के तनाव का असर हुआ।

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