जानें…दाल से मिठाईयां और इसके फायदें

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रात को खाने में एक दाल और एक सब्ज़ी ज़्यादातर हर भारतीय रसोई में बनती है। वेजिरेयन लोग जब रेस्त्रां जाते हैं, तो दाल उनकी टॉप प्रायऑरिटी पर होती है। सिर्फ यही नहीं, शादी में अगर गरमा-गरम मूंग दाल का हलवा मिल जाए तो डिनर कम्पलीट हो जाता है। यानी दाल सब्ज़ी में, स्नैक्स में और मिठाईयां बनाने में भी यूज़ होती है। दाल में मौजूद पोष्क तत्वों के कारण, फाइव-स्टार होटल के चेफ भी दाल से डेज़र्ट बनाते हैं। लेकिन, ध्यान रखने वाली बात यह है कि मिठाईयों में शुगर बहुत होती है। इसलिए,अगर आप डायबिटीज़ के मरीज़ हैं तो ज़रा बचकर रहें।

1- ओडिशा की खास मिठाई ‘रसा बड़ा’ मूंग की दाल से बनती है। इसमें इलायची भी डालते हैं, ताकि लोग उंगलियां चाट-चाटकर इसे खाएं। यह स्वादिष्ट तो होती ही है, और इसमें मूंग दाल के सारे गुण भी मौजूद हैं, जैसे- प्रोटीन, आयरन और फाइबर। सिर्फ यही नहीं, पीली मूंग दाल में पोटैशियम, कैल्शियम और विटामिन बी कॉम्पलेक्स भी होता है।

2- उत्तर भारत में मूंग दाल का हलवा ही नहीं, मूंग दाल की बर्फी भी बड़े चाव से खाई जाती है। बादाम, पिस्ते और शुद्ध देसी घी में बनी दाल की यह मिठाई इतनी स्वाद होती है कि हमारे मीठे खाने की क्रेविंग को और बढ़ा देती है। आपको बता दें कि इस दाल में फैट बिल्कुल भी नहीं होता।

3- उड़द की दाल भी मिठाईयां बनाने में यूज़ होती है और इसके भी कई फायदे हैं। इसमें आयरन की भरपूर मात्रा होती है। ऐसे में इसे खाने से बॉडी की इम्यूनिटी भी बढ़ती है। सिर्फ यही नहीं, यह दिल के मरीज़ों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। पंजाबी उड़द की दाल की पिन्नी बहुत पसंद करते हैं। वइ इसमें ढेर सारा मावा, देसी घी, काजू और बादाम डालकर इसे बनाते हैं। इस दाल से मोटी जलेबी, यानी इमरती भी तैयार की जाती है।

4- चने की दाल की बर्फी भी बड़ी स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है। इसमें गुड़ और नारियल डालकर बनाते हैं। केसर, काजू और इलायची का स्वाद इसे और भी लाजवाब बना देता है। आप इसे घर पर भी बना सकते हैं और मेहमानों को सर्व भी कर सकते हैं। इसमें चने की दाल के सारे गुण मौजूद होते हैं, जैसे प्रोटीन, फाइबर। इससे डाइजेशन में भी मदद मिलती है। बूंदी के लड्डू भी चने की दाल से तैयार किए जाते हैं। बूंदी की शुरुआत राजस्थान से हुई थी। यह चने के आटे को फ्राई करके चाशनी में पकाई जाती है। उत्तर भारत के मंदिरों में इसका बहुत महत्व है। मंगलवार के दिन यह प्रसाद के रूप में हनुमानजी को चढ़ाई जाती है। धीरे-धीरे, इसी बूंदी के लड्डू भी बनने लगे। बूंदी के लड्डू के बाद, मोतीचूर के लड्डू भी बनने लगे।

चने की दाल से बने बेसन से भी कई मिठाईयां तैयार की जाती हैं। बेसन का लड्डू उसमें से एक है, जिसे बच्चे भी बहुत पसंद करते हैं। बेसन की बर्फी और बेसन का हलवा भी बनता है। यहां तक की कर्नाटक की मशहूर मिठाई- मैसूर पाक भी एक तरह की बेसन की बर्फी है, जिसे चीनी और देसी घी में बनाया जाता है। चने की दाल और चाशनी से तैयार पुरन पोली दिवाली के त्योहार पर बड़े ही चाव से खाई जाती है।

बेसन और मैदे से तैयार जलेबी और इमरती भी लोगों को बहुत पसंद आती है। लोग इसे शाम को चाय के साथ खाते हैं। यह दिल्ली और यूपी में बहुत मशहूर है।

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