Unnao victim – the hand carrying the dolly will bury her, I did not think – the victim’s brother: उन्नाव पीड़िता-डोली उठाने वाले हाथ उसे दफन करेंगे सोचा न था- पीड़िता का भाई

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उन्नाव। हैदराबाद में गैंगरेप के बाद वेटेनरी डाक्टर को जलाकर मार दिया गया था। उसके बाद में उन्नाव की बेटी को भी जिंदा जला दिया गया था। उस बहादुर बेटी को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच खेत में दफनाते समय उसके भाई की आंखों में आंसू का सैलाब था। भाई की हालत देख वहां मौजूद सभी की आंखे गमगीन थी। मंत्री, कमिश्नर, आईजी, डीएम से लेकर सभी लोग अधिकारी इस समय मौजूद थे और सभी केवल पिता और भाई को सांत्वना ही देते दिख रहे थे। कब्र में बहन को दफन करने के बाद पीड़िता के भाई ने कहा कि यह कभी नहीं सोचा था कि डोली उठाने वाले हाथों से अपनी बहन को इस तरह कफन में लपेटकर दफन करना होगा। कहा कि ऐसी पीड़ा से पूरा परिवार टूट गया है। बोला दिल्ली के अस्पताल में आईसीयू पर लेटी बहन ने जब मेरे कानों पर कहा कि भईया अब अंतिम घड़ी आ गई है और तुम मेरे आरोपियों को छोड़ना नहीं तो मेरी रूह कांप उठी। उसने कहा कि शासन प्रशासन से जो मांगों को पूरा करने की बात कही जा रही है। उनके पूरे परिवार से इस पर कोई आवाज नहीं उठाई गई। भाई ने कहा कि मेरे लिए आर्थिक मदद, नौकरी, और सुरक्षा से बढ़कर मेरी बहन की जिंदगी थी। दरिंदों ने उसे खत्म कर दिया। उसने कहा कि जबतक मेरी बहन के हत्यारों को फांसी की सजा नहीं हो जाती तब तक उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी।

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