Nirbhaya’s mother’s pain, said-don’t let the kid’s death joke: निर्भया की मां का झलका दर्द, कहा-अपने फायदे के लिए दोषारोपण, बच्ची के मौत के साथ मजाक मत होने दीजिए

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नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में दोषियों को कोर्ट से फांसी की सजा तो मिल गई है लेकिन इसे अब तक अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। निर्भया के दोषियों की फांसी कानूनी पचड़े में फंसी हुई है। सात सालों से इंसाफ की गुहार लगा रही निर्भया की मां फांसी टलती देख काफी परेशान है और उसकी परेशानी आंसूओं के रूप में दिख रही है। यही नहीं निर्भया के दोषियों को सजा मिलने में हो रही देरी के कारण का चुनावी फयदा उठाने को लेकर भाजपा और आप पार्टी आमने सामने हैं जबकि इस बात से निर्भया के माता-पिता दोंनो आहत हैं। इस मामले में जिस तरह गुरुवार को भाजपा और आम आदमी पार्टी ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए उससे निर्भया की मां आशा देवी बहुत आहत हैं। उन्होंने कहा कि इतने साल तक मैं राजनीति पर कभी नहीं बोली लेकिन आज कहती हूं कि जिस तरह मेरी बच्ची की मौत पर राजनीति हो रही है वह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि अब मैं जरूर कहना चाहूंगी कि जब 2012 में घटना हुई तब इन्हीं लोगों ने हाथ में तिरंगा लिया और काली पट्टी बांधी, खूब रैलियां कीं, खूब नारे लगाए। लेकिन आज यही लोग उस बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कोई कह रहा आप ने रोक दिया, कोई कह रहा है मुझे पुलिस दे दीजिए दो दिन में रोक के दिखाऊंगा। आशा देवी ने आगे कहा, तो अब मैं जरूर कहना चाहूंगी कि ये अपने फायदे के लिए दोषियों की फांसी को रोके हैं। हमें इस बीच में मोहरा बनाया, इन दोनों के बीच में मैं फंसी हूं। तो मैं कहना चाहती हूं खासकर प्रधानमंत्री जी से कि आपने 2014 में आपने बोला था, ‘बहुत हुआ नारी पर वार, अबकी बार मोदी सरकार’। मैं साहब आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि जिस तरह से आप दोबारा सरकार में आए हैं, जिस तरह से आपने हजारों काम किया। इस कानून का संशोधन कीजिए क्योंकि कानून बनाने से नहीं होगा। मैं आपसे हाथ जोड़कर कहना चाहती हूं कि एक बच्ची की मौत के साथ मजाक मत होने दीजिए।

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