First death from Corona in Tricity, 65-year-old patient of Nayagaon dies in PGI: ट्राइसिटी में कोरोना से पहली मौत से हड़कंप, नयागांव के 65 वर्षीय मरीज ने पीजीआई में तोड़ा दम

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चंडीगढ़। ट्राइसिटी में कोरोना से हुई पहली मौत के चलते हड़कंप मच गया है। नया गांव के रहने वाले 65 वर्षीय ओम प्रकाश के पॉजिटिव पाए जाने के बाद रविवार को पीजीआई अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। जिसका मंगलवार को इलाज के दौरान ही मौत हो गया। ट्राइसिटी में हुई इस पहली मौत के बाद से लोगों में भय व्यापत हो गया है। इसकी जानकारी सलाहकार मनोज परिदा ने ट्विट कर दिया है। उन्होंने ट्विट के जरिये बताया कि पीजीआई के डायरेक्टर ने इस दु:खद घटना की सूचना दी है । इसकी जानकारी पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्विट के जरिये सार्वजनिक की है।
गौरतलब है कि चंडीगढ़ में कल 5 मामले पॉजिटिव आने के बाद शहर में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 13 हो गई थी।
पीजीआई, जीएमसीएच, जीएमएसएच के 45 डॉक्टर मेडिकल स्टॉफ को किया गया आइसोलेट
नया गांव के मरीज के पॉजिटिव आने से उसका इलाज कर रहे पीजीआई और सेक्टर-16 के कई डॉक्टरों और नर्सों को आइसोलेशन में कर दिया गया है । सूत्र बताते हैं कि कोरोना के पहले पॉजिटिव मरीज की मृत्यु के बाद पीजीआई , जीएमसीएच, जीएमएसएच के करीब 45 स्टाफ को आइसोलेट कर आॅब्जर्वेशन में रखा गया है। पीजीआई में और कई स्टाफ को आइसोलेट किया जा रहा है । ओम प्रकाश का पुत्र जो उनके साथ था को आइसोलेट कर उसका टेस्ट भी भेजा गया है।
कई तरह के नयागांव मरीज मामले में उठ रहे सवाल पीजीआई देश के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में से एक है। हालांकि इस मरीज के इलाज करने वाले 8 डॉक्टरों, 22 नर्सिंग अधिकारियों और 5 अस्पताल के कर्मचारियों को आइसोलेट किया गया। गौरतलब है कि नयागांव का कोरोना मरीज काफी समय से बीमार चल रहा था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मरीज में 18 मार्च से कोरोना संक्रमण के लक्षण थे। हालांकि पीजीआई में पुष्टि करने में लगभग 3 से 4 दिन लग गए। जबकि पीजीआई में इलाज करने वाले डॉक्टरों को इस मामले में पहले दिन से कोरोना होने का संदेह था।
कई तरह की कमियां आ रही है सामने
पीजीआई के पास नेहरू एक्सटेंशन बिल्डिंग है जो वर्तमान में लगभग खाली है। जबकि इस इमारत में 150 बेड हैं जो कोरोना संकटों को पूरा करने के लिए आवंटित किए गए हैं। इसमें गंभीर रूप से बीमार पुष्टि वाले मामलों के लिए 20 आईसीयू बेड और गंभीर रूप से बीमार मामलों के लिए 20 बेड शामिल हैं। हालांकि संदिग्ध रोगियों को अभी भी मुख्य अस्पताल के आपातकालीन भवन में रखा जा रहा है क्योंकि वेंटिलेटर (जिनमें से कई मुख्य भवन में खाली पड़े हैं) और इस नए भवन में आॅक्सीजन कनेक्शन की व्यवस्था करने में बहुत समय लग रहा है।
एसोसिएशन आॅफ रेजिडेंट डॉक्टर ने सभी की टेस्ट की मांग की
एसोसिएशन आॅफ रेजिडेंट डॉक्टर के प्रेसिडेंट उत्तम ठाकुर ने नयागांव के मरीज के इलाज करने में शामिल डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ के टेस्ट कराने की मांग की है, जिससे कि स्वास्थ्य कर्मचारियों को सुरक्षित किया जा सके।
एन-95 मास्क की कमी, आईसीएमआर के गाइड लाइन का नहीं हो रहा अनुसरण
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को सिटी के अस्पतालों में मेडिकल किट की कमी में काम करने को मजबूर होना पड़ रहा है। हालांकि इसके बाद भी सभी स्वास्थ कर्मी अपना पूरी सेवा दे रहे है। एन-95 मास्क की काफी कमी है। स्वास्थ्य कर्मियों को साधारण मास्क से ही काम चलाना पड़ रहा है। जिस कारण उनके भी संक्रमण में आने का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जानकारी के अनुसार आईसीएमआर के गाइड लाइन को भी फॉलो नहीं किया जा रहा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने भी उठाए सवाल
एन- 95 मास्क की कमी का मामला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने भी ट्विट कर प्रशासन के सामने उठाया है। हालांकि इस विपरीत स्थिति में भी स्वास्थ्य कर्मी अपना सेवा पूरे मन से दे रहे है।
मौसम का कोरोना पर पड़ सकता है असर सिटी में मौसम के बदलाव के कारण कोरोना को लेकर कई तरह की चर्चाएं है। बारिश के कारण कोरोना मरीजों की संख्या की वृद्धि का अंदेशा जताया जा रहा है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मौसम मे लोगों को काफी सचेत रहने की वर्तमान परिस्थिति में जरूरत है। जिससे कि वे सर्दी और जुकाम से बच पाए।

-सौमित्र प्रियदर्शी

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