Bareilly: father of Sakshi Mishra, unclaimed ‘Sita’ father, adopted daughter: बरेली: साक्षी मिश्रा के पिता बने लावारिस ‘सीता’ के पिता, बेटी को गोद लिया

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बरेली। भाजपा विधायक पप्पू भरतौल पहले अपनी बेटी साक्षी मिश्रा द्वारा चर्चित हुए थे अब वह एक बार फिर चर्चा में हैं। उन्होंने एक लावारिस बेटी को गले लगाया है। भले ही उनकी अपनी बेटी घर छोड़कर चली गई हो और उसने शादी कर ली हो लेकिन अब एक बार फिर से पप्पू भरतौल उर्फ राकेश मिश्रा के सूने घर में एक बार फिर बेटी की किलकारियां गूंजने लगेंगी। उन्होंने एक लावारिस बेटी को गले लगाया है और उसे गोद ले लिया है। इस नन्ही सी जान का नाम सीता रखा गया है। ‘सीता’ की उम्र यूं तो सिर्फ आठ दिन है, इस बच्ची के अंदर जीवन में लड़ने की क्षमता देखते ही बनती है। उसकी जिजीविषा का लोहा सबने माना है। इस बच्ची ने चार दिन बिना खाए पिए जमीन के अंदर दबे हुए गुजारे हैं। बता दें कि पैदा होते ही इसे घड़े में बंद कर मिट्टी में गाड़ दिया गया था। यह बच्ची न सिर्फ चार दिन तक मजबूती से अपनी जिंदगी की डोर पकड़े रही बल्कि अस्पताल पहुंचने के बाद सेहतमंद भी हो रही है। इलाज करने से अब उसकी सेहत में सुधार है और उसका दो सौ ग्राम वजन भी बढ़ गया है।
डॉक्टरों के मुताबिक जमीन के अंदर चार दिन दबे रहने के बावजूद बच्ची के शरीर में मौजूद ब्राउन फैट ने उसे जिंदा रखा। हालांकि यह भी किसी चमत्कार से कम नहीं है। चार दिन घड़े में पड़े रहने की वजह से उसके शरीर पर इंफेक्शन जरूर फैल गया है। ब्राउन फैट नष्ट होने से पेट और गालों पर झुर्रियां भी पड़ गई हैं। चार दिन पहले सिटी श्मशान घाट में अपनी मृत बच्ची को दफनाने गए सीबीगंज में रहने वाले एक व्यवसायी को सीता जमीन में गड़ी मिली थी। दरअसल अपनी मृत बच्ची को दफनाने के लिए गड्ढा खोदने के लिए उन्होंने जब फावड़ा चलवाया तो इत्तफाक से एक घड़े से टकराया। इसके साथ बच्ची के रोने की आवाज आई तो उसे सावधानी से बाहर निकाला गया।

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