It will take time for normalcy in Jammu and Kashmir, Supreme Court refuses to interfere: जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने में समय लगेगा, सुप्रीम कोर्ट का दखल से इनकार

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन प्रतिबंधों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में आज इसकी सुनावाई हुई। इस बाबत कोर्ट ने कहा कि हालात रातों रात सामान्य नहीं हो सकते हैं। कुछ हो गया तो कौन जिम्मेदारी लेगा। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि लोगों को कम असुविधा हो, इसके लिए पूरी कोशिश की जा रही है। कोर्ट ने अब इस मामले की सुनवाई के लिए दो हफ्तों बाद का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति काफी संवेदनशील है और यह निश्चित किया जाना चाहिए कि किसी की भी जान न जाए। केंद्र ने कोर्ट को बताया कि जम्मू कश्मीर की स्थिति की रोजाना हालात समीक्षा की जा रही है। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था बनी रहे। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में संचार समेत कई पाबंदियों को हटाने संबंधी याचिका पर तत्काल दिशानिर्देश देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को राज्य में हालात सामान्य करने के लिए समुचित समय दिया जाना चाहिए। साथ ही केंद्र ने आतंकवादी बुरहान वानी की मुठभेड़ में मौत के बाद कश्मीर में जुलाई 2016 में हुए विरोध प्रदर्शन का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि हालात सामान्य होने में कुछ दिन का समय लगेगा। अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था बनी रहे। सुप्रीम कोर्ट में प्रतिबंधों के खिलाफ यह याचिका तहसीन पूनावाला ने दायर की थी।

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