India’s highest ever medal in world wrestling: भारत को विश्व कुश्ती में अब तक के सबसे ज़्यादा पदक

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आस्ताना : वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप भारत के लिए खुशियों का पैगाम लेकर आई है। भारत ने इस चैम्पियनशिप में अब तक के सबसे अधिक पदक जीतकर इतिहास रचा है। उसे अब तक तीन पदक हासिल हो चुके हैं। जूनियर वर्ल्ड चैम्पियन दीपक पूनिया 86 किलो की फ्रीस्टाइल शैली में न सिर्फ ओलिम्पिक कोटा हासिल करने में सफल रहे बल्कि उन्होंने फाइनल में पहुंचकर भारत का चौथा पदक भी पक्का कर दिया है। नौ साल पहले उन्हीं के अखाड़े छत्रसाल स्टेडियम से पहलवान सुशील वर्ल्ड चैम्पियन बने थे। वहीं 61 किलो में राहुल आवारे रविवार को कांस्य पदक के लिए मुक़ाबला लड़ेंगे।

इस चैम्पियनशिप में यह तय हो गया है कि भारतीय पहलवानों ने पिछले कुछ महीनों में खासकर अपने स्टेमिना पर काफी काम किया है। ज़्यादातर भारतीय पहलवान अब बिना समय बर्बाद किये मुक़ाबले में दमखम दिखाते हैं और विपक्षी को थकाकर दूसरे हाफ में ज़्यादा स्कोर करके मुक़ाबले जीतने में जुटते हैं। यही काम बजरंग, विनेश और रवि के बाद पूजा ढांडा, दीपक पूनिया, राहुल आवारे और जितेंद्र ने भी कर दिखाया।

छह साल बाद कोई भारतीय फाइनल में

पिछली बार छह साल पहले अमित दहिया हंगरी के शहर बुडापेस्ट में फाइनल में पहुंचे थे। अब दीपक पूनिया के फाइनल जीतने की बारी है। उनके सामने फाइनल में कुश्ती के इतिहास-पुरुष होंगे। ईरान के हसन अली याज़दानी 2017 के वर्ल्ड चैम्पियन होने के अलावा एशियाई खेलों के भी गोल्ड मेडलिस्ट हैं। वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड के अलावा दो और पदक उनके नाम हैं। दीपक ने पहली तीन कुश्तियों में कज़ाखस्तान के पहलवान को 10-0, ताजिकिस्तान के पहलवान को 6-0 और वाका-वाका गर्ल शकीरा के देश कोलम्बिया के पहलवान को 7-6 के कड़े संघर्ष में पिछड़ने के बाद आखिरी क्षणों में हराया। सेमीफाइनल में उन्होंने रोज़र फेडरर के देश स्विट्ज़रलैंड के पहलवान स्टीफन रेकमुक को एकतरफा अंदाज़ में 8-2 से धो डाला।

राहलु लड़ेंगे कांस्य पदक का मुक़ाबला

61 किलो में राहुल आवारे ने तुर्कमेनिस्तान के पहलवान को 13-2 से हराया जबकि दीपक की ही तरह उन्होंने कज़ाखस्तान के पहलवान को 10-7 से शिकस्त दी। दूसरे मुक़ाबले में उनका धोबी पछाड़ यहां ज़रूर चर्चा का विषय बना। मगर सेमीफाइनल में वह यूरोपीय चैम्पियनशिप के सिल्वर मेडलिस्ट बेका लोमताद्ज़े से 6-10 से हार गये। दूसरे हाफ में राहुल ने काफी अंतर कम किया जबकि सच यह है कि पहले राउंड में ही वह 1-8 से पिछड़ गये थे। अब कांस्य पदक के लिए उनका मुक़ाबला माल्डोवा और अमेरिका के पहलवानों के बीच रेपिचेज़ राउंड के विजेता से होगा।

जितेंद्र ने जीतीं दो कुश्तियां

ट्रायल में सुशील से 74 किलो में मुक़ाबला हारने वाले जितेंद्र ने 79 किलो में अपनी चुनौती रखी। उन्होंने माल्डोवा और तुर्की के पहलवानों से पहली दो कुश्तियां जीतकर सबका दिल जीत लिया। खासकर उनके लेग अटैक देखते ही बनते थे। मगर वर्ल्ड अंडर 23 के पिछले साल के चैम्पियन स्लोवानिया के पहलवान से उन्हें हार का सामना करना पड़ा और स्लोवानियाई पहलवान की चुनौती अगर राउंड में टूटने से जितेंद्र को भी मुक़ाबले से बाहर होना पड़ा।

मौसम हारे स्नाइडर से

97 किलो में मौसम खत्री के लिए कई बार के वर्ल्ड चैम्पियन अमेरिका के स्नाइडर के खिलाफ इतनी ही राहत वाली बात थी कि उन्होंने पहले दो मिनट तक स्नाइडर को कोई अंक नहीं बनाने दिया। मगर इसके बाद जब स्नाइडर के अंक बनाने का सिलसिला शुरू हुआ तो उन्होंने तकनीकी दक्षता से जीत हासिल करके ही दम लिया।

-मनोज जोशी

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