Explosion in Taran Taran, 2 killed and one injured…अराजकता, हिंसा और भीड़ हिंसा जैसे माहौल में बसपा कार्यकर्ता सावधान रहें-मायावती

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश ईकाई की बैठक ली और पार्टी के कार्यों की समीक्षा की। इस समीक्षा के दौरान उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को सजग रहने के निर्देश दिए। उन्होंने गुरूवार को कहा कि कानून हाथ में लेकर अराजकता, हिंसा व तनाव फैलाने के साथ-साथ भीड़ द्वारा हत्या आदि की बढ़ती घटनाओं को रोक पाने में सरकार की नाकामी ने देश और दुनिया का ध्यान खींचा है। ऐसे में कार्यकर्ताओं को सावधान रहने की आवश्यकता है। बैठक के बाद जारी एक बयान के अनुसार कानून को हाथ में लेकर अराजकता, हिंसा व तनाव फैलाने के साथ-साथ भीड़ हिंसा में हत्या आदि की बढ़ती हुई घटनाओं को रोक पाने में सरकारी नाकामी ने देश व दुनिया का ध्यान खींचा है। ऐसे में बसपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है। वे लोग कोई भी ऐसा काम नहीं करें जिससे सरकार को जातिवादी द्वेष व राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने का कोई मौका मिले।’

भाषा के अनुसार, उन्होंने कहा कि ”खासकर मॉब लिंचिंग, जातिवादी जुल्म-ज्यादती, महिला उत्पीड़न व असुरक्षा की बढ़ती घटनाओं ने प्रदेश, देश व समाज को काफी चिन्तित व परेशान कर रखा है। इसके शिकार सर्वसमाज के लोगों को मदद स्थानीय स्तर पर कानूनी दायरे में ही करने का भरपूर प्रयास करते रहना चाहिए तो बेहतर है। इस सम्बन्ध में विशेषकर धारा 144 की सरकारी पाबन्दियों का उल्लंघन बिल्कुल नहीं करना है। ऐसा करके सरकारी मंसूबों व षडयंत्रों को विफल किया जा सकता है।”इस अवसर पर मायावती ने सरकार पर आरोप लगाया कि यूपी सरकार हर मोर्चे पर विफल हुई है। यूपी में कानून व्यवस्था की हालत खराब है। बढ़ती गरीबी व बेरोजगारी आदि की समस्या और ज्यादा विकट होकर अनेक प्रकार के अपराधों को बढ़ाने का कारण बन रही है और ऐसे में अपनी विफलताओं से जनता ध्यान हटाने के लिए अन्य उपाय किए जा रहे हैं। मायावती ने कहा, ”जहां तक देश की अर्थव्यवस्था की दुर्दशा की बात है वह आजकल कुछ ज्यादा चर्चा में है क्योंकि यह चरमराकर काफी बुरे दौर से गुजर रही है, जिस कारण बेरोजगारी हर स्तर पर लगातार बढ़ती जा रही है, यह सरकार के लिए बड़ी चिन्ता की बात होनी चाहिए। कहीं यह सब नोटबंदी व जीएसटी को आपाधापी में लागू करने का कुप्रभाव तो नहीं है? वैसे भी देश में फैली व्यापक गरीबी व बेरोजगारी की समस्या को दूर करना केन्द्र व राज्य सरकारों की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।”

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