Embraces real Hindutva, reduces distances: Dr. Karn Singh: असली हिंदुत्व गले लगाता है, दूरियों को कम करता है: डॉ.कर्ण सिंह

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नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर की किताब द हिंदू वे: एन इंट्रोडक्शन टू हिंदुइज्म का विमोचन किया गया। शशि थरूर ने अपनी किताब के विमोचन पर कहा कि यह शीर्षक मिथ्या है। किताब का विमोचन नेहरु मेमोरियल म्यूजियम में किया गया इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह मौजूद थे। थरूर की किताब को एलेफ बुक कंपनी ने प्रकाशित किया है। किताब के विमोचन के अवसर पर थरूर ने कहा कि वर्तमान में जो किया जा रहा है वह किसी भी तरह से मौलिक मूल सिद्धांतों, आस्था, प्रथाओं, सनातन धर्म के विश्वास का प्रतिनिधि नहीं है बल्कि ये सब चीजें हिंदू के नाम पर ओछे तरीके से की जा रही हैं ताकि हिंदू के नाम पर चल रही विचारधारा की रक्षा की जा सके। जिसमें उस जय श्री राम के नाम का जाप करवाना शामिल है जिसका असल में उससे कोई लेना-देना नहीं हैं और जिसका हम आदर करते हैं। सांसद ने कहा समस्या यह है कि उन्नत सिद्धांत कम हो गए हैं और गुंडों की एक टीम बन गई है जो कहते हैं कि मेरी टीम हमेशा सही होती है। मैं अपनी टीम को सही कहने के लिए आपके सिर पर मार सकता हूं। यदि यह लोग इस तरह के हिंदू धर्म का प्रचार करना चाहते हैं तो हमें उसका हिस्सा नहीं बनना है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने पैनल डिस्कशन में हिस्सा लिया। कर्ण सिंह ने हिंदू धर्म को लेकर कहा, ‘किसी से जबरन जय श्री राम बुलवाना हिंदू धर्म की बेइज्जती है।’ उन्होंने तबरेज अंसारी के मामले का जिक्र करते हुए कहा, ‘क्या यह हिंदुत्व है? मैं रघुवंशी हूं। श्री राम एक दयावान भगवान हैं। असली हिंदुत्व गले लगाता है, दूरियों को कम करता है, युद्ध की स्थिति नहीं बनाता।’ थरूर ने भी उस हिंदू धर्म पर आपत्ति जताई जो किसी से जबरन जय श्री राम और भारत माता की जय बुलावाता है। इस मौके पर भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता शेषाद्री चारी भी मौजूद थे। चारी ने कहा, ‘अलग-अलग हिंदू धर्म नहीं हो सकते। हिंदू कांग्रेस, आरएसएस और जेडीयू को साथ लेकर आए। हिंदू सभी परिभाषाओं से ऊपर है। क्या अंतरिक्ष को परिभाषित किया जा सकता है? परिभाषित करना, तुलना करना, एक परिधि तक सीमित करना होता है।’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और आरएसएस ने भीड़ हिंसा की निंदा की है। कौन हिंदू है और कौन नहीं, यह निर्धारित करने की तुलना में कहीं अधिक मुद्दे हैं। हम हिंदू धर्म के नाम पर जो कुछ हो रहा है उसे एक सा ठहराते हैं जोकि हिंदुत्व नहीं है।

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