बिजली संशोधन बिल जनता के लिए खतरनाक, केन्द्र सरकार जल्दबाजी ना करेः केजरीवाल

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Electricity amendment bill is dangerous for the public, the central government should not rush
आज समाज डिजिटल,नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को बिजली अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को खतरनाक बताते हुए केंद्र सरकार से जल्दबाजी में इस पर आगे नहीं बढ़ने का आग्रह किया। केजरीवाल ने दावा किया कि इससे केवल कुछ बिजली वितरण कंपनियों को ही फायदा होगा। उन्होंने कहा कि बिजली संशोधन विधेयक 2022 लोगों की पीड़ा को बढ़ाता है क्योंकि यह बिजली आपूर्ति और वितरण से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के बजाय और अधिक गंभीर बना देगा। केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में विधेयक को विचार और पारित करने के लिए पेश किया।

देश में बिजली की समस्या सुधरने के बजाय और गंभीर होगी

केजरीवाल ने एक ट्वीट कर कहा, आज लोकसभा में बिजली संशोधन बिल लाया जा रहा है। ये कानून बेहद खतरनाक है। इससे देश में बिजली की समस्या सुधरने के बजाय और गंभीर होगी। लोगों की तकलीफें बढ़ेंगी। केवल चंद कंपनियों को फायदा होगा। मेरी केंद्र से अपील है कि इसे जल्दबाजी में ना लाया जाए। पंजाब से आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार अपनी ही बात से मुकरने के बाद लोकसभा में इस विधेयक को पेश करने जा रही है। उन्होंने ट्वीट किया, बिजली के मामले में कानून बनाने में राज्य का बराबर का अधिकार है, मगर इस विधेयक के बारे में केंद्र सरकार ने किसी भी राज्य से राय नहीं मांगी है। आम आदमी पार्टी इसका विरोध करती है।

कई संगठनों ने भी आपत्ति जताई

बिजली अधिनियम, 2003 में प्रस्तावित संशोधनों पर कई संगठनों ने आपत्ति जताई है। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि बिजली (संशोधन) विधेयक, 2022 को सभी हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाए।
इस विधेयक का उद्देश्य बिजली वितरण (खुदरा) खंड में प्रतिस्पर्धा पैदा करना है। प्रस्ताव में कहा गया है कि बिजली कंपनियां अन्य बिजली वितरण लाइसेंसधारकों के नेटवर्क का उपयोग कर सकती हैं। इसमें भुगतान सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने और नियामकों को अधिक अधिकार देने का भी प्रस्ताव है।
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