If any issue arises due to Supreme Court order of telecom companies, there will be internal discussion: Governor Shaktikanta Das: सुप्रीम कोर्ट के टेलीकाम कंपनियों के आदेश से कोई मुद्दा उठा तो आंतरिक स्तर पर चर्चा होगी: गवर्नर शक्तिकांत दास

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एजेंसी,नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनियों पर सांविधिक बकाए को लेकर उच्चतम न्यायलय के आदेश से बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ा मुद्दा उठा तो उसकी चर्चा केंद्रीय बैंक आतंरिक रूप से चर्चा करेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि दूरसंचार कंपनियों पर सांविधिक बकाए को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश से बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ा कोई भी मुद्दा आंतरिक रूप से चर्चा करेगा। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य दूरसंचार कंपनियों को चेतावनी दी है कि यदि वे न्यायालय के निर्देशानुसार समायोजित सकल आय (एजीआर) के 1.47 लाख करोड़ रुपये के आनुमानित बकाए को नहीं चुकाती हैं तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। गवर्नर दास ने इस आदेश पर कोई खास टिप्पणी नहीं की, जिसका असर उन बैंकों पर हो सकता है, जिन्होंने वित्तीय रूप से कमजोर दूरसंचार कंपनियों को कर्ज दिया है। इस आदेश के बारे में पूछने पर दास ने कहा कि यदि इसके संबंध में कोई मुद्दा सामने आया तो उस पर आंतरिक रूप से विचार किया जाएगा। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रमुख रजनीश कुमार ने शुक्रवार को कहा था कि बकाये को चुकाने के लिए दूरसंचार कंपनियों को अब धन का प्रबंधन करना होगा और यह मानना सबसे सुरक्षित होगा कि उन्होंने इसके लिए अब तक कुछ न कुछ इंतजाम कर लिया है। रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक के बाद दास ने संवाददाताओं से कहा कि आने वाले महीनों में ऋण उठाव तेज होने की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी इस बैठक में मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय कृषि क्षेत्र में बैंकों के ऋण प्रवाह की निगरानी कर रहा है।

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