Design Your Future In Textile Designing:टेक्सटाइल डिजाइनिंग में डिजाइन करें अपना फ्यूचर

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टेक्सटाइल डिजाइनिंग व इंजीनियरिंग के सुनहरे भविष्य के मद्देनजर अगर इसे दुनिया की एक बड़ी उभरती हुई इंडस्ट्री कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। भारत में टेक्सटाइल सेक्टर के तहत करियर की और नई संभावनाएं बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। टेक्सटाइल डिजाइनिंग एक ऐसा कोर्स है, जिसने पिछले कुछ समय से बहुत तेजी से युवाओं के बीच जगह बनाई है। इसके जरिए आप फैशन इंडस्ट्री में एक बढ़िया करियर बना सकते हैं। इसकी सबसे खास बात यह है कि आप विदेश में भी जॉब पा सकते हैं। एक टेक्सटाइल डिजाइनर को काफी कुछ फैशन डिजाइनर की तरह ही काम करना होता है। इसमें फैब्रिक पर डिफरेंट डिजाइंस वगैरह को अपनी क्रिएटिविटी के साथ पेश करना होता है। इसके लिए बुनाई से लेकर डिफरेंट थ्रेड कॉम्बिनेशन की नॉलेज होना अहम है।
क्रिएटिव है यह काम
फैशन इंडस्ट्री में आए भारी बूम के कारण वर्तमान में टेक्सटाइल डिजाइनिंग में काफी विविधता देखी जा रही है। वस्त्रों में अनोखापन लाने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग हो रहा है, जिसके लिए टेक्सटाइल डिजाइनर में सृजनात्मक योग्यता तथा बेहतर तकनीकी ज्ञान एक अनिवार्य पहलू है। टेक्सटाइल डिजाइनिंग के अंतर्गत विविध फैब्रिक्स का निर्माण नवीनतम तकनीकों और प्रक्रियाओं का प्रयोग करते हुए किया जाता है। इस इंडस्ट्री के तीन प्रमुख विभाग हैं: रिसर्च एंड डेवलपमेंट, मैन्युफैक्चरिंग और मर्चेंडाइजिंग। भारत में टेक्सटाइल उद्योग के दो बड़े क्षेत्र हैं। एक हैंडलूम क्षेत्र है, जिसे अनआॅगेर्नाइज्ड जोन के रूप में भी जाना जाता है और दूसरा मैकेनाइज्ड क्षेत्र है, जिसे आॅगेर्नाइज्ड क्षेत्र के रूप में हम जानते हैं। दोनों ही क्षेत्र अपनी अलग-अलग अहमियत रखते हैं और समान रूप से प्रगति कर रहे हैं।
टेक्सटाइल डिजाइनर के आवश्यक गुण
एक टेक्सटाइल डिजाइनर को सूत बनाने के ज्ञान के अलावा कपड़ा बुनने, बांधने और रंगने की तकनीक का उम्दा ज्ञान होना बहुत जरूरी है। विभिन्न प्रकार के करघों का ज्ञान, बुनाई तथा मशीन व प्रिंटिंग का ज्ञान भी इसमें अपेक्षित है। टेक्सटाइल डिजाइनर वस्त्र छपाई, रंगाई, कशीदाकारी तथा डिजाइन विकास में प्रशिक्षित होता है। वह कपड़े के रेशे व सूत के इतिहास के विषय में अध्ययन करता है व जानकारी प्राप्त करता है। उसके लिए तकनीकी ज्ञान भी जरूरी माना जाता है, जैसे करघे को चलाना, विभिन्न प्रकार के सांचों को आपस में मिलाना आदि। फैशन ट्रैंड, लोकप्रिय रंग, सूत आदि की समझ भी इस क्षेत्र में करियर बनाने हेतु बहुत जरूरी है। टेक्सटाइल डिजाइनिंग में व्यापार से संबंधित बातों का पूर्व आकलन किया जाता है क्योंकि उत्पाद को बाजार में लाने में लगभग वर्ष भर का समय लग जाता है। डिजाइनर को अपने रचनात्मक कौशल से बाजार के मुताबिक डिजाइन प्रस्तुत करना होता है। मौलिक विचार के लिए उसे एक खाका भी बनाना होता है। एक टेक्सटाइल डिजाइनर डिजाइनिंग के खाके और रंगाई के अलावा अन्य बहुत-से पहलुओं पर काम करता है। डिजाइन स्टूडियो में नमूना तैयार करने में लंबा समय लगता है। नई डिजाइन तैयार करने से पहले कपड़े की पृष्ठभूमि तथा डिजाइन की अवधारणा को समझना होता है क्योंकि किसी उत्पाद की सफलता या असफलता इन्हीं बातों पर निर्भर करती है। टेक्सटाइल डिजाइनर को रंग की अवधारणा के विषय में अच्छा ज्ञान होना चाहिए। इसके अलावा चित्रांकन तथा रचनातमक कौशल का होना भी जरूरी है।
शैक्षणिक योग्यता
इस क्षेत्र में लंबे समय तक काम करना पड़ता है। इसलिए व्यक्ति का परिश्रमी होना अति आवश्यक है। डिजाइनर में फैशन बोध का होना भी जरूरी है तथा उपभोक्ता बाजार की जरूरत के विषय में भी उसे ज्ञान होना चाहिए। आपमें समस्याओं के समाधान और नई योजनाओं के निर्माण की योग्यता भी होनी चाहिए। शैक्षणिक स्तर पर देखा जाए, तो उम्मीदवार फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स में निपुण होना चाहिए। तार्किक योग्यता, टीम के साथ काम करने की क्षमता, मुश्किलों में संकटमोचक बनने का गुण, कम्प्यूटर दक्षता तथा टेक्निकल डिजाइनिंग में निपुणता आवश्यक है। देश के अनेक पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज तथा विश्वविद्यालय टेक्सटाइल इंजीनियरिंग व डिजाइनिंग के रोजगारोन्मुखी कोर्स चलाते हैं। स्नातक डिग्री कोर्स, यानी बीई या बीटेक के लिए उम्मीदवार का विज्ञान विषय (गणित) में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं पास होना जरूरी है। आईआईटी संस्थानों में प्रवेश के लिए 60 प्रतिशत अंक जरूरी हैैं। बीई/बीटेक करने के बाद उम्मीदवार प्रोफेशनल करियर के क्षेत्र में आगे कदम बढ़ा सकता है या वह एमटेक और पीएचडी के लिए भी आगे अपनी पढ़ाई जारी रख सकता है। तीन वर्षीय टेक्सटाइल इंजीनियरिंग का डिप्लोमा पाठ्यक्रम पोलिटेक्निक संस्थानों में उपलब्ध है। इनमें प्रवेश हेतु शैक्षणिक योग्यता गणित विषय सहित 10वीं पास होना है। प्रवेश हेतु प्री-पॉलीटेक्निक प्रवेश परीक्षा में भी पास होना जरूरी है। टेक्सटाइल इंजीनियरिंग व डिजाइनिंग के आईआईटी के पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) देनी होती है। अन्य संस्थान भी प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से ही प्रवेश देते हैं।
भरपूर हैं अवसर
डिजाइनर कलर एक्सपर्ट के तौर पर टेक्सटाइल कंपनी में काम कर सकता है। जॉब के चांस डिजाइन स्टूडियो, कपड़ा मिल और एक्सपोर्ट हाउस में भी हैं। इसके अलावा, डिजाइनर सरकारी व निजी फर्म में भी बतौर फ्रीलांसर काम कर सकता है। टेक्सटाइल डिजाइनर कपड़ा निर्माण उद्योग में भी कुटीर उद्योग व लघु उद्योग में काम कर सकता है।
सैलरी पैकेज
टेक्सटाइल डिजाइनिंग के क्षेत्र में जॉब के बहुत उजले अवसर हैं। इस क्षेत्र में डिजाइनर रंग विशेषज्ञ के रूप में कार्य कर सकता है। डिजाइन स्टूडियो, कपड़ा मिल तथा एक्सपोर्ट हाउस आदि में जॉब के अवसर मिल सकते हैं। इसके अलावा डिजाइनर सरकारी तथा निजी फर्म में फ्रीलांसर के तौर पर भी काम कर सकता है। मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग संस्थान के बीई/बीटेक डिग्रीधारी अपने करियर की शुरूआत में ही 15 से 30 हजार रुपए मासिक कमा सकते हैं। अनुभव के साथ वेतन भी बढ़ता जाता है।
प्रमुख संस्थान
– इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) दिल्ली/ मुंबई/ कानपुर/ खड़गपुर/ रुड़की/ चेन्नाई/ गुवाहाटी
– नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ डिजाइन, पालदी, अहमदाबाद
– बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
– बिरला इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी, पिलानी
– मनीपाल इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी, रांची
– अन्नाामलाई विश्वविद्यालय, अन्नाामलाई
– श्री वैष्णव पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट, इंदौर

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